Chhath Puja Vrat Vidhi 2019: नवरात्र एवं दुर्गा पूजा की तरह छठ पूजा भी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना का पर्व है।


कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है।नवरात्र एवं दुर्गा पूजा की तरह छठ पूजा भी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना का पर्व है।इसे करने वाली स्त्रियां धन-धान्य,पति- पुत्र तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहतीं हैं।बड़े नियम तथा निष्ठा से किया जाता है यह व्रत
यह व्रत बड़े नियम तथा निष्ठा से किया जाता है। इसमें तीन दिन के कठोर उपवास का विधान है।इस व्रत को करने वाली स्त्रियों को पंचमी को एक बार नमक रहित भोजन करना पड़ता है।षष्टी को निर्जल रहकर व्रत करना पड़ता है।षष्ठी को अस्त होते हुए सूर्य की विधिपूर्वक पूजा करके अर्ध्य देतीं हैं।सप्तमी तिथि के दिन प्रातः काल नदी या तालाब पर जाकर स्नान करती हैं। सूर्योदय होते ही अर्ध्य देकर जल ग्रहण करके व्रत को खोलतीं हैं।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ सूर्य देवता की बहन है।मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होतीं हैं और घर परिवार को सुख- शान्ति व धन धान्य से सम्पन्न करतीं हैं।छठ पूजा पर्व मनाने का समय:-


सूर्य देव की आराधना का यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है।कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन यह पर्व मनाया जाता है।कार्तिक छठ पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।चार दिन तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा,डाला छठ,छठी माई, छठ,छठ माई पूजा,सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है।क्यों करते हैं छठ पूजा:-छठ पूजा करने या उपवास करने से मुख्य रूप से सूर्य देव की कृपादृष्टि प्राप्त होती है।छठ माई प्रसन्न होकर संतान प्रदान करतीं हैं।सूर्य देव की कृपादृष्टि से संतान श्रेष्ठ बनती है।अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस व्रत को रखा जाता है।ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा

Posted By: Mukul Kumar