आज छठ पूजा का दूसरा दिन है। इस दिन खरना की परंपरा है। इस दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को गन्ने के रस में पके हुए चावल खाती हैं...


छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। व्रत के समय व्रती पानी भी ग्रहण नहीं करते। इस पर्व के पहले दिन नहाय खाय होता है जिसमें छठव्रती महिलाएं स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन को ग्रहण करती हैं। वहीं दूसरे दिन खरना होता है। जानें खरना का शुभ मुहूर्त।1 नवंबर को है खरना, ये खाना होता है शुभ
छठ पूजा के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिन भर का उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते हैं। इसे 'खरना' कहा जाता है। खरना का प्रसाद लेने के लिए आसपास के सभी लोगों को निमंत्रित किया जाता है। प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इसमें नमक या चीनी का उपयोग नहीं किया जाता है। इस दौरान पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।Chhath Puja 2019 : जानें छठी मैया का इस पर्व से रिश्तासूर्यास्त और सूर्योदय का अर्घ्य मुहूर्त


वहीं खरना के अगले दिन 3 तारीख को घाट पर धूमधाम से सपरिवार पहुंच कर पूजा करने और ढलते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। छठीमैया के प्रसाद के रूप में एक सूप में पूजा की सारी सामग्री सजा कर रखी जाती है और नजदीक के किसी घाट पर उसे ले कर जाया जाता है। वहां ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उसे सभी सामग्रियों को अर्पित किया जाता है। हालांकि शाम को सूर्य को अर्घ्य देने का मुहूर्त 5.15 बजे है। वहीं अगले दिन यानी की 4 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसका मुहूर्त 6.15 बजे है।-ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश मिश्रChhath Puja 2019 Date: आज नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरुआत, जानिए कब और कैसे मनाते हैं छठ पर्व

Posted By: Vandana Sharma