जानें क्या हैं इन नौ विश्वप्रसिद्ध पेंटिंग्स में छुपे कोड्स
Mona Lisa: सबसे पहले बात करते है दूनिया की सबसे मशहूर पेंटिंग्स में से एक मोनालीसा की। रिसचर्स का कहना है कि मोनालीसा की स्माइल में ही नहीं उनकी आंखों में भी छुपे हैं राज। कहते हैं कि उसकी राइट आई में LV लिखा है जो शायद पेंटर लियोनार्दो दी विंची के नाम के इनिशियल्स हो सकते हैं जबकि उसकी लेफ्ट आई में कोई नंबर है 149 और चौथा नंबर जो मिट गया है वो 0 हो सकता है जो शायद उसका निर्माण काल बताता है जो 1490 था वैसे कुछ को वहां 72 या एल 2 जैसा भी नजर आया है। कुछ ने CE या B और कुछ सिंबल्स भी होने का दावा किया है पर वे बहुत स्पष्ट नहीं हैं। इस बारे में तर्क दिया जा रहा है कि पेंटिंग काफी पुरानी भी हो चुकी है।
The Last Supper: विंची की ही दूसरी मशहूर पेंटिंग द लास्ट सपर के बारे में भी कहा गया है कि उसमें कुछ संदेश छुपा हुआ है जो एक एस्ट्रोलॉजिकल पहेली या फिर कोई संगीत की अनोखी धुन है। ये कोई गणितीय पहेली भी हो सकती है। इसके रहस्य के बारे में ये भी कहा जा रहा है कि आने वाली महाप्रलय के बारे में बताता है जो 21 मार्च 4006 में शुरू होगी और उसी साल नवंबर में खत्म होगी।
The Madonna with Saint Giovannino: जब आप इस तस्वीरे में शिशु जीजस के एब्स देख रहे होते हैं तब रिसर्चस का ध्यान होता है मदर मैरी के लेफ्ट शेल्डर की ओर जिस पर दरसल एक यूएफओ का प्रतीक लगने वाली चीज चित्रित है। इस चित्र को ध्यान से देखने पर आप पायेंगे कि तस्वीर में मैरी के लेफ्ट शेल्डर के ऊपर आकाश में सूरज नजर आ रहा है और जीजस का उठा हुआ हाथ उसी दिश में संकेत कर रहा है। शेल्डर पर चित्रित ये डिस्क जैसी चीज पूरे डिटेल के साथ इस तरह बनाई गयी है जैसे पेंटर चाहता हो कि वो किसी भी तरह नजर अंदाज ना हो। शोध करने वालों का कहना है दरसल ये सूरज की दिशा से आने वाले यूएफओ के बारे में एक छिपा हुआ कोड ही है।
David and Goliath: सिस्टाइन चैपल के पैनल की ही इस तस्वीर में हिब्रू भाषा के कुछ अक्षर छिपे हुए बताए जा रहे हैं। ऐसा ही एक अक्षर तस्वीर में दिखाए गए डेविड और गोलिअथ के फिगर्स के पोस्चर से बनता है जिसका अर्थ रहस्यमय दासता बताया जाता है। अगर अध्ययन कर्ताओं की माने तो अगर इस को ठीक से डीकोड किया जाए तो यहां माइकल एंजेलो ने यहूदी धर्म के अपने ज्ञान के बारे में दर्शाते हुए जाहिर किया है कि पूरे सिस्टिन चैपल को एक खास अनुपात में बनाया गया है जिससे सार्वभौमिक प्रेम के एक लुप्त रहस्यमय संदेश की जानकारी मिल सकती है।
The Supper at Emmaus: ये पेंटिंग ईसाइयों के लिए मौन मान्यता का एक कोड बतायी जाती है। इस पेंटिंग में उस पल को दर्शाया गया है जब यीशू अपने दो अनुयायियों के सामने गुप्त रूप से खुद को पुनर्जीवित करते हैं और उनकी आंखें से ओझल हो जाते हैं। इस पेंटिंग की बड़ी बड़ी तस्वीरें और डार्क बैकग्राउंड एक अलग प्रभाव लिए हुए है। सामने एक अलग सी खाने की बासस्केट है और उससे एक अनोखी सी परछायी उभर रही है जो देखने में मछली जैसी लगती है। जिसका मतलब ये हो है कि उस कठिन दौर में खामोशी से ईसाई मान्यताओं पर विश्वास बनाये रखना है।