चमकी बुखार से बिहार में अब तक 125 बच्चों की माैत, लापरवाही के आरोप में सीनियर रेजिडेंट सस्पेंड
मुजफ्फरपुर (बिहार) (एएनआई)। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) चमकी बुखार के कारण मरने वालों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां सरकार द्वारा संचालित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में एईएस से मरने वालों की संख्या 109 पहुंच गई है। वहीं इस रोग की वजह से पूरे बिहार में मरने वालों संख्या रविवार को बढ़कर 125 हो गई।लापरवाही के आरोप में कर दिया संस्पेंडवहीं इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक सुनील शाही ने बताया कि अब तक अस्पताल में 225 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है और 39 को आज छुट्टी दे दी जाएगी।इसके अलावा उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच में तैनात सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया। हमें डॉक्टर भीमसेन के निलंबन के बारे में सरकार से पत्र मिला है।
बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका
बिहार से स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ भीमसेन कुमार को 19 जून को एसकेएमसीएच में तैनात किया था।उनकी तैनाती के बाद भी अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका। लगातार बच्चों की मौत होती रही।वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवारों को 4 लाख रुपये की आर्थिक राशि देने की घोषणा की है। चमकी बुखार से 107 बच्चों की माैत, सीएम नीतीश पहुंचे अस्पताल तो लोगों ने लगाए वापस जाओ के नारेचमकी बुखार से परेशान बिहार, मुजफ्फरपुर जिले में बनेगा एईएस रिसर्च सेंटर होगी कारणों की जांचये हैं रोग के लक्षण और बचाव के तरीकेसीएम ने एईएस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को विशेष निर्देश भी दिए थे।यह एक वायरल बीमारी है। इसमें तेज बुखार, ऐंठन और सिरदर्द जैसे लक्षण होते हैं और कुछ ही दिन में मरीज की जान पर बन आती है। इस बीमारी के कारण रात में खाली पेट सोना, डिहाइड्रेशन और खाली पेट लीची खाना आदि बताए जा रहे हैं।ऐसे में बच्चों को इन चीजों से बचाने की कोशिश करें।