Chaitra Navratri 2021: इस बार अश्व पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा, वाहन देते हैं भविष्य के लिए शुभ-अशुभ का संकेत
पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। चैत्र नवरात्रि दिनांक 13 अप्रैल 2021 से 21अप्रैल 2021 तक होंगे। हर नवरात्रि पर मां दुर्गा के धरती पर आगमन का विशेष महत्व होता है। वहीं हर साल नवरात्रि में देवी दुर्गा के माता के आगमन और प्रस्थान की सवारी अलग-अलग होती है और उसका अलग-अलग महत्व होता है। मान्यता है कि देवी के आने और जाने वाले हर वाहन में भविष्य के लिए विशेष संकेत छिपे होते हैं। देवी के आगमन के वाहन से शुभ-अशुभ का विचार होता है।
भगवती देवी दुर्गा का आगमन :- अश्व पर।
परिणाम:- राज्य भय एवं भीषण युद्ध।
भगवती देवी दुर्गा का गमन:-डोली पर।
परिणाम:- सुख,सौभाग्य एवं धन वृद्दि।-
इस दिन वैशाख संक्रांति" 15 मुहर्ती है।
इस बार वैशाख संक्रांति" पर बन रहा "हरिद्वार में कुम्भ महापर्व" पर "तृतीय शाही स्नान का विशेष योग। इस दिन सूर्य अश्वनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेगा।जिसका पुण्यकाल दिनांक 14 अप्रैल 2021,बुधवार को प्रातः 8:57 बजे तक रहेगा।
अश्विनी नक्षत्र में करें घट स्थापना --
इस बार पूरे नवरात्र,नवरात्र में कोई तिथि छय नहीं,वृद्धि नहीं।
अश्विनी नक्षत्र:-शुभ फल देने वाला।
घट स्थापना मुहूर्त
1. प्रातः काल:-09:11 से मध्यान्ह 12:20 बजे तक (चर,लाभ के चौघड़िया में)।
2. मध्यान्ह 12:20 से अपराह्न 1:38 बजे तक----(अभिजित मुहूर्त एवं अमृत के चौघड़िया में)
3. अपराह्न 12:20 से 1:38 बजे तक-----(अभिजीत मुहूर्त में)
4. सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त:- समय--अपराह्न 12:20 से 1:38 बजे तक-----अमृत के चौघड़िया एवं अभिजित मुहूर्त में
अति विशेष:- इस बार आज के दिन मिश्री,काली मिर्च एवं नीम के पत्तों का सेवन करना त्रिदोषघ्न व सर्व रोग निवारक है।
विक्रम संवत्सर 2078 में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल 2021,मंगलवार को सूर्योदय व्यापिनी है।इस दिन प्रतिपदा प्रातः 10:17 बजे तक रहेगी। इस दिन अश्वनी नक्षत्र अपराह्न 2:19 बजे तक रहेगा जोकि अति शुभ है।इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन अश्वनी नक्षत्र(शुभ फल देने वाला) भी होने के कारण घट स्थापना सूर्योदय के पश्चात उपरोक्त वर्णित अमृत के चौघड़िया एवं अभिजीत मुहूर्त में करना श्रेष्ठ होगा।घट स्थापना का श्रेष्ठ समय सूर्योदय एवं अभिजीत काल माना जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा "सम्मुखी" शुभ होती है,अतः उसे ही ग्राह्म करनी चाहिए। "अमायुक्त" प्रतिपदा में पूजन नहीं करना चाहिए।
महासप्तमी/महाष्टमी
दिनांक 19 अप्रैल 2021,सोमवार को सुकर्मा योग में अन्नपूर्णा परिक्रमा घंटा 27:50 बजे रात्रि से आरम्भ होकर दिनांक 20 अप्रैल 2021,गुरुवार को दुर्गाष्टमी वाले दिन रात्री घंटा 27:42 पर समाप्त होगी।
महानवमी
दिनांक 21 अप्रैल 2021,बुधवार को महानवमी पूजन होगा।इस दिन मध्यान्ह कर्क लग्न में रामावतार।इस दिन चंद्र-पुनर्वसु युति प्रातः 7:38 बजे तक रहेगी।