Chaitra Navratri 2020 Kalash Sthapana : कलश स्थापना के साथ पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
कानपुर। Chaitra Navratri 2020 Kalash Sthapana : चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरु होकर 2 अप्रैल तक रहेगी। घरों व मंदिरों में कलश स्थापना की जा चुकी है। कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6:25 बजे से लेकर 9:28 बजे तक रहा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ- साथ मां दुर्गा के रूप शैलपुत्री की पूजा की गई। कलश स्थापना कर सभी श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के आगमन का स्वागत किया व नौ दिनों तक अब उनके अलग- अलग स्वरूपों की पूजा करेंगे।
कलश स्थापना के बाद किस दिन मां के किस स्वरुप की हो पूजामां दुर्गा के नौं रुपों की नौ दिन तक पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं। नवदुर्गा के क्रम में प्रथम माता शैलपुत्री, द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघण्टा, चतुर्थ मां कुष्माण्डा, पंचम स्कंद माता, षष्टम कात्यायनी माता, सप्तम मां कालरात्रि, अष्टम माता महागौरी, नवम मां सिद्धिदात्री के दर्शन व पूजन करने का विधान है। सभी नौ देवियों की नौ दिन तक पूजा के बाद नवरात्रि के आखिरी दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया जाता है।
अष्टमी व नौवमी को करें कन्या भोज31 मार्च 2020, मंगलवार को सौभाग्य योग में अन्नपूर्णा परिक्रमा 27:50 बजे रात्रि से आरम्भ होकर 1 अप्रैल 2020,बुधवार को दुर्गाष्टमी वाले दिन रात्री 27:42 बजे पर समाप्त होगी। महानवमी 2 अप्रैल 2020,गुरुवार को पुनर्वसु नक्षत्र में महानवमी पूजन होगा। कुछ लोग अष्टमी के दिन ही कन्या भोज करते हैं व कुछ नौमी के दिन। अपनी यथा शक्ति अनुसार कुंवारी कन्याओं को बुला कर अपने घर ही उन्हें विशिष्ट पकवान खिलाएं मां दुर्गा प्रसन्न होंगी।