Chaitra Navratri 2020 Day 3 Maa Chandraghanta Puja Vidhi and Aarti: 25 मार्च से शुरु हुई चैत्र नवरात्रि के पर्व के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा होती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री व दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के पूजन के बाद तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इस दिन देवी को प्रसन्‍न करने के लिए कौन सा पुष्प व क्‍या भोग लगाना चाहिए यहां जानें। साथ ही जानें माता को पूजन के दौरान किस आरती से प्रसन्न करें कि आपके लिए हो फलदायी।

कानपुर। Chaitra Navratri 3030 Day 3 Maa chandraghanta Puja : चैत्र नवरात्रि 35 मार्च से प्रारंभ हो गई है। प्रथम दिन से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी को पूजा जाता है। वहीं तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को होता है। मां दुर्गा के इस स्वरूप को कौन से भोग व कौन से पुष्प चढ़ाएं कि वो प्रसन्न हों। जानें पूजन विधि के व उनकी आराधना के वक्त करें विशेष आरती तो उत्तम फल प्राप्त होंगे।

पूजा से मिलता है ये लाभ

देवी दुर्गा का तीसरा रूप चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के इस रूप की आराधना करने से साधक को गजकेसरी योग का लाभ प्राप्त होता है। मां चंद्रघंटा की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में उन्नति, धन, स्वर्ण, ज्ञान व शिक्षा की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन्हें मधुमेह, टाइफाइड, किडनी, मोटापा, मांस-पेशियों में दर्द, पीलिया आदि है उन्हें देवी के तीसरे स्वरूप की पूजा करने से लाभ मिलता है। तीसरे दिन दूध से बनी मिठाई का भोग मां को लगाकर को दान दें। इससे दुःखों से मुक्ति के साथ-साथ परम आनन्द की प्राप्ति होती है।

माता चंद्रघंटा की आरती

पूर्ण कीजो मेरे काम

चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत बनाने वाली

मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो

Navratri 2020 Durga Aarti: नवरात्र में माता के हर रूप को अलग-अलग आरती से करें प्रसन्‍न

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

नवरात्रि में मां दुर्गा के अचूक मंत्र, जो आपको बनाएंगे निरोगी और धनवान

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता

पूर्ण आस करो जगदाता

कांची पुर स्थान तुम्हारा

करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटू महारानी

'भक्त' की रक्षा करो भवानी

Posted By: Vandana Sharma