रेल नीर घोटाला: सीबीआई ने दो अधिकारियों और सात फर्मों के खिलाफ दर्ज किया मामला
रेल मंत्रालय के ट्वीट से मिली जानकारी रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया करके बताया है कि रेल मंत्रालय सीबीआई द्वारा छापा मारे गए दो अधिकारियों को निलंबित करने पर विचार कर रहा है। इसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी रिट्वीट किया। सीबीआई ने उत्तर रेलवे के दो पूर्व अधिकारियों और सात निजी कंपनियों के खिलाफ 13 जगहों पर छापेमारी की जिसमें 20 करोड़ रूपए बरामद किए गए। प्रीमियम ट्रेनों में रेल नीर की आपूर्ति में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में यह छापेमारी की गयी। सीबीआई के सूत्रों से जानकारी मिली है कि उत्तर रेलवे के पीएस एवं कैटरिंग के तत्कालीन मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों एम एस चालिया और संदीप सिलस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 20 करोड़ की रिकवरी
सात फर्मो के ठिकानों पर छापे के दौरान सीबीआई ने 20 करोड़ रुपये नकद बरामद होने का दावा किया है। आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से शताब्दी और राजधानी समेत प्रीमियम ट्रेनों में बोतलबंद पानी सप्लाई करने वाली ये फर्मे रेल नीर की जगह सस्ता पानी सप्लाई करते थे। सीबीआई की एफआइआर के अनुसार उत्तरी रेलवे के कैटरिंग विभाग ने दिल्ली की सात फर्मो को ट्रेनों में बोतलबंद पानी सप्लाई करने का ठेका दिया था। लेकिन उनके लिए राजधानी, शताब्दी और अन्य प्रीमियम ट्रेनों में आईआरसीटीसी के रेल नीर ब्रांड का पानी सप्लाई करना अनिवार्य कर दिया गया था। कैसे हुआ घोटाला रेल नीर पानी की सप्लाई करनेवाली फर्मों को 10.50 रुपये प्रति बोतल के हिसाब के पानी सप्लाई करता था, जिसे वे ट्रेनों में 15 रुपये बेचते थे। लेकिन रेल नीर लेने के बजाय इन फर्मो ने पीडीडब्ल्यू नाम के ब्रांड का सस्ता पानी इन ट्रेनों में सप्लाई करना शुरू कर दिया। ये पानी बाजार में प्रति बोतल 5.70 से सात रुपये में मिलती है। इस तरह प्रति बोतल वे आठ रुपये से अधिक की कमाई कर रहे थे। आईआरसीटीसी ने उत्तरी रेलवे के कैटरिंग विभाग को रेल नीर सप्लाई नहीं होने की शिकायत भी की। पर कोई सुनवाई नहीं हुई।सात फर्मों पर छापा
सीबीआई ने तत्कालीन चीफ कामर्सियल मैनेजर (कैटरिंग) एमएस चालिया और संदीप सिलास के साथ-साथ सातों निजी फर्मो के ठिकानों पर छापा मारा। ये फर्म हैं-आरके एसोसिएट्स, सत्यम कैटरर्स, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएट्स, सनसाइन, वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स और फूड वर्ल्ड। सीबीआई ने आरोपी फर्मो और अधिकारियों के दिल्ली और नोएडा स्थित 13 ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस मामले में सीबीआई ने किसी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया।
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