दिल्ली के चर्चित बुराड़ी डेथ मिस्ट्री में अलग-अलग तरीके से अनुमान लगाया जा रहा है। पुलिस भाटिया परिवार के 11 सदस्यों के मृत पाए जाने के मामले में अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है लेकिन उसे आशंका है ये फैमिली शेयर्ड साइकोसिस साझा मनोविकृति से ग्रसित थी।


पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष में नहीं पहुंची नई दिल्ली (पीटीआई)। दिल्ली के बुराड़ी में 1 जुलाई को एक ही परिवार के 11 सदस्यों के शव पाए गए थे। इस हैरान करने वाले मामले में पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष में नहीं पहुंची है। इस मामले को हत्या, आत्महत्या के अलावा धार्मिक कोण से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मृत मिला भाटिया परिवार में साझा मनोविकृति के लक्षण दिखाई दिए हैं। इसमें भ्रमपूर्ण मान्यताएं या फिर आभासी दुनिया की बातें एक व्यक्ति जब दूसरे व्यक्ति को बताता है तो वह व्यक्ति भी उन पर यकीन करने लगता है।हो सकता धीरे-धीरे इन बातों पर यकीन करने वालों का एक पूरा समूह बन जाए। आशंका है कि मृत भाटिया परिवार में ललित (45) भी ऐसे शख्स थे। पाइप तीन से चार महीने पहले लगवाए गए


ललित को लगता था कि उनके मृत पिता उनसे बात करते हैं। उन्हें हर कदम पर सलाह देते हैं। इस बात का जिक्र वह अपने परिवार के दूसरे सदस्यों से भी करते थे। परिवार के अन्य सदस्य भी उनकी बातों पर भरोसा करते थे। पुलिस के मुताबिक भाटिया परिवार काफी मिलनसार था लेकिन वह कभी भी पड़ोसियों को अपने घर में नहीं बुलाता था। पड़ोसियों ने बताया कि यह परिवार ज्यादातर खुद को अलग रखता था। इसके अलावा यह परिवार कभी किसी निजी मामले पर कोई चर्चा नहीं करता था। भाटिया परिवार के मकान की दीवार के एक तरफ लगे संदिग्ध 11 पाइपों के बारे में पड़ोसियों का कहना है कि ये पाइप तीन से चार महीने पहले लगवाए गए थे।पाइप को लेकर पड़ोसियों ने पूछे थे सवाल

इस बारे में जब कुछ पड़ोसियों ने पूछा भी कि यहां पानी का तो कोई कनेक्शन नही है फिर ये पाइप क्यों लगे हैं। इस पर परिवार का कहना था कि प्लाइवुड पर लगे केमिकल की वजह से होने वाली इन पाइपों से बाहर जाती है।वहीं एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह अक्सर  भाटिया परिवार के साथ गुरुद्वारा जाती थी। इसके अलावा किराने की दुकान पर घर का सामान खरीदने जाती थी लेकिन कभी उनके घर नहीं गई। भाटिया परिवार के बच्चे बहुत ही शालीन और आज्ञाकारी थे। उन्हें कभी आपस में या फिर किसी और से झगड़ते नहीं देखा है। वहीं एक और पड़ोसी ने बताया कि इलाके के बच्चे ललित की भतीजी मीनू से ट्यूशन प्रतिदिन भाटिया के घर जाते थे लेकिन कभी घर के बड़ों ने उन्हें ऊपर नहीं बुलाया। सभी की आखें एक नेत्र बैंक को दान की गईंबता दें कि रविवार को 10  शव लटके हुए मिले थे। इनकी आंखों व मुंह पर भी पट्टी लगी थी और हाथ पीछे बंधे थे। परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायण देवी (77) का शव सिर्फ जमीन पर मिला था। नारायण देवी की बेटी प्रतिभा (57), उनके दो बेटे भावेश (50) और ललित भाटिया (45) के शव लटके मिले थे। भावेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे - मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15),  ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनके 15 वर्षीय बेटे शिवम भी लटके थे। प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33)  का शव भी लटका पाया गया था। मृत भाटिया परिवार के सभी सदस्यों की आखें एक नेत्र बैंक आंखें गुरु नानक आई सेंटर को दान की गईं हैं।बुराड़ी डेथ मिस्ट्री : मरकर भी दुनिया देख सकेंगे एक साथ मरने वाले इस परिवार के 11 सदस्य

बुराड़ी डेथ मिस्ट्री : रिश्तेदारों ने किया आत्महत्या से इनकार, बोले धार्मिक था लेकिन अंधविश्वासी नहीं था ये परिवार

Posted By: Shweta Mishra