चीनी सेना ने थियानमेन चौक पर 10 हजार से अधिक लोकतंत्र समर्थकों को मार डाला था। घटना 1989 की है। चीन में उस समय के ब्रिटिश राजदूत एलन डोनाल्ड ने इसकी जानकारी लंदन भेजे गए टेलीग्राम के जरिए दी थी। इस संबंध में ब्रिटिश राष्ट्रीय अभिलेखागार ने घटना के 28 वर्ष बाद संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं।


सात हफ्ते से कर रहे थे प्रदर्शनमालूम हो कि 1989 के जून महीने में हजारों छात्र बीजिंग में कम्युनिस्ट शक्ति का हृदय स्थल माने जाने वाले थियानमेन चौक पर लोकतंत्र की बहाली के लिए सात हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन को खत्म करवाने के लिए सेना ने तीन-चार जून को आंदोलनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। लोगों को टैंकरों और बुलडोजर से कुचला गया। डोनाल्ड का कहना था कि जब सेना वहां पहुंची तो छात्रों को लगा कि उन्हें जगह खाली करने के लिए एक घंटे का समय दिया जाएगा लेकिन पांच मिनट में ही हमला कर दिया गया।चीन में ‘आज़ादी’ की कविता लिखने पर जेलउदारवादी नेता की मौत से भड़के थे छात्र
कम्युनिस्ट पार्टी के उदारवादी नेता हू याओबैंग की मौत के खिलाफ छात्रों ने थियानमेन चौक पर प्रदर्शन शुरू किया था। याओबैंग देश में लोकतांत्रिक सुधार की बात करते थे। उनके अंतिम संस्कार में करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे। उनकी मौत के तीन दिन तक लोगों सड़कों पर जमा थे।भयावह, जबरदस्त और दिल दहला देने वाली 16 तस्वीरें : जिन्होंने बदल दी दुनिया

Posted By: Satyendra Kumar Singh