ब्रिटेन के ईयू छोड़ने पर भारत में कौन चिंतित
ये इसलिए है क्योंकि अभी यूरोपीय नागरिकों के कहीं भी आने जाने मे कोई रुकावट नहीं है।यूरोपीय नागरिकों को संघ के किसी भी देश जाकर नौकरी करने की भी स्वतंत्रता रही है। इसका सभी को लाभ मिला।लेकिन जनमत संग्रह के नतीजों ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं।भारत मे चिंता
ब्रिटेन के संख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार वहाँ लगभग 20 हज़ार गोवा के लोग हैं जिनके पास पुर्तगाल का पासपोर्ट है और जो ब्रिटेन मे काम कर रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि समझौतों की वजह से ब्रितानी शैक्षणिक संस्थाओं में यूरोपीय छात्रों को छात्रवृति ज़्यादा मिला करती रही है।ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग हो जाने की सूरत में अब भारत के छात्रों के लिए पढ़ाई के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि ब्रिटेन पर यूरोपीय छात्रों के लिए कोई बाध्यता नहीं रह जाएगी।