नेमार पर ब्राज़ील को चैंपियन बनाने का दारोमदार
इसमें अचरज वाली कोई बात नहीं है. ब्राज़ील में वर्ल्ड कप फ़ुटबॉल के दौरान हर कोई फ़ुटबॉल के रंग में डूब नजर आता है. इस सुपरमार्केट में ढेरों टीशर्ट बिक रहे हैं, जिनके पीछे 10 नंबर अंकित है और नाम लिखा है नेमार जूनियर.दरअसल नेमार जूनियर पर ब्राज़ील को इस बार वर्ल्ड कप चैंपियन दिलाने का दारोमदार है. महज 22 साल की उम्र के नेमार के कंधों पर बड़ा दारोमदार है.ऐसे में अगले कुछ सप्ताह के बाद लोग उनकी जर्सी को या तो संभाल कर रखेंगे या फिर आक्रोशित फ़ैंस जर्सी को जलाते हुए नजर आएंगे.नेमार का सफ़र
बीते साढ़े चार सालों से नेमार ब्राज़ीली फ़ुटबॉल के राजकुमार के तौर पर उभरे हैं. अगर ब्राज़ील को वे छठी बार वर्ल्ड कप का ख़िताब दिलाने में कामयाब होते हैं तो वे ब्राज़ीली फ़ुटबॉल की दुनिया के किंग हो जाएंगे. हालांकि अगर वे ऐसा करिश्मा नहीं दिखाते हैं, उनकी आलोचना भी ख़ूब होगी.नेमार के अनुबंध संबंधित कामकाज को उनके पिता ही देखते हैं. उन्हें इस हालत की आशंका थोड़े समय पहले ही हो गई थी. तब नेमार सैंटोस क्लब की ओर से खेलते थे. उनका करार 2014 तक का था, लेकिन उन्होंने एक साल पहले ही बार्सिलोना का दामन थाम लिया.
कुछ लोगों ने बार्सिलोना के साथ उनके पहले सीजन को लेकर संदेह जताया था. ख़ुद पेले ने भी कहा था कि उनके युवा कंधों पर काफ़ी ज़्यादा दबाव होगा.ब्राज़ील के कोच लुईस फिलीप स्कोलारी की सोच ऐसी नहीं रही. इसकी अपनी वजहें भी हैं.क्योंकि नेमार जब ब्राज़ील से खेलते हैं तो वे अपनी टीम के स्टार होते हैं. बार्सिलोना की टीम की तरह लियोनेल मेसी के सहयोगी खिलाड़ी भर नहीं.स्कोलारी नेमार को सेंटर फॉरवर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं. बार्सिलोना की टीम में नेमार इस भूमिका में नहीं खेलते.नेमार की ख़ासियत यह है कि वे जब अपनी लय में हो तो फिर उन पर काबू पाना आसान नहीं. वे गिफ्टेड स्पोर्ट्समैन नजर आते हैं.नेमार भी पूरी तरह तैयारनेमार जब मैदान में गेंद के साथ भागते हैं, उनके बारे में अनुमान लगाना आसान नहीं होता. वे तेजी से भागते हैं, संतुलन के साथ भी भाग सकते हैं और उनके दोनों पांवों की चपलता देखने लायक होती है.
यही वजह है कि 2009 के अंत में उन्होंने ब्राज़ील के फर्स्ट डिविजन फ़ुटबॉल में अपनी पुख़्ता पहचान बना ली. नाइजीरिया में हुई वर्ल्ड कप अंडर-17 में वे ब्राज़ीली टीम के बड़े स्टार में शामिल थे. लेकिन उनकी मौजूदगी में भी टीम ग्रुप राउंड से बाहर हो गई.नेमार के लिए वह दौर अच्छा नहीं था. जब ब्राज़ील को गोल की सख़्त जरूरत थी, वे असर नहीं डाल पाए.