मानसून सीजन में जहां बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं वहीं मौसम बदलने और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम प्रॉपर्ली वर्क नहीं करता नतीजा बैक्टीरियल इंफेक्शन के चांसेज बढ़ जाते हैं. अगर हम कुछ हेल्दी चीजों को डाइट में शामिल करें और अनहेल्दी चीजों को अवॉइड करना शुरू कर दें तो हमारी इम्यूनिटी बेहतर हो जाएगी तो जानिए क्या खाएं और क्या अवॉइड करें...


The goodWhole grainsब्राउन राइस, मिलेट्स, ओट्स, बार्ले जैसे दूसरे होल ग्रेन्स विटामिन्स, मिनरेल्स और फाइबर के अच्छे सोर्स होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को हेल्दी रखते हैं. फाइबर कोलोन से टॉक्सिक एलिमेंट को बाहर कर उसमें इंफेक्शन होने से रोकता है. कुक्ड होल ग्र्रेन पास्ता, व्हाइट राइस या व्हाइट पोटैटो से कहीं बेहतर बे्रकफास्ट है. इसे डेली डायट का हिस्सा बनाएं.Vegetablesजितना ज्यादा वेजिटेबल्स खा सकते हैं खाएं, ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं. ये विटामिन्स, मिनरेल्स और फिटोकेमिकल्स के अच्छे सोर्स होते हैं जो कई तरह के डिसीजेस से बॉडी को बचाते हैं. आप हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकते हैं. इसके अलावा बीटा कैरोटीन जो अच्छा एंटीऑक्सिडेंट होता है, उसके लिए यलो कलर के वेजिटेबल्स खा सकते हैं.Fresh fruit


आप सभी तरह के फ्रूट्स खा सकते हैं लेकिन जिसमें विटामिन सी ज्यादा हो वो आपकी इम्यूनिटी को ज्यादा मजबूत बनाता है. सिट्रस फ्रूट्स ज्यादा से ज्यादा खाएं. फ्रूट्स के नाम पर केले और आम जैसे फ्रूट्स ज्यादा खाने से बॉडी में शुगर का कंजम्पशन बढ़ जाता है.Protein

हाई क्वॉलिटी प्रोटीन इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने वाले सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. फिश में प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है दाल, दूध और दूसरे होल ग्रेन्स भी प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं.  Other foodsप्याज, लहसुन, अदरक और हल्दी भी आपके इम्यून सिस्टम को हेल्दी बनाए रखते हैं.ह्यूमन बॉडी के अंदर काफी मात्रा में पानी होता है. बॉडी सिस्टम को चलाने के लिए पानी की जरूरत होती है. ब्लड में भी पानी होता है, इसी से टॉक्सिंस बाहर होते हैं.-डॉ. एके मित्तल, चेस्ट स्पेशलिस्टThe badSugarस्टडीज में यह प्रूव हो चुका है कि शुगर इम्यून सिस्टम के फंक्शन पर बुरा असर डालता है. दरअसल ब्लड स्ट्रीम में नॉर्मल शुगर लेवल वन टी-स्पून होता है लेकिन जब हम एक सोडा कैन या एक आइसक्रीम खाते हैं तो हम 12 टी-स्पून शुगर इनटेक करते हैं. ऐसे में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम पूरी तरह शुगर को ब्लडस्ट्रीम में जाने से रोकने में लग जाता है, पैंक्रियााज को शुगर को प्रॉसेस करने के लिए ज्यादा इंसुलिन रिलीज करनी पड़ती है. सब मिलाकर बॉडी पर स्ट्रेस ज्यादा हो जाता है. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स जैसे बे्रड या दूसरे बेक्ड ईटेबल्स भी बॉडी में शुगर की तरह की एक्ट करते हैं. इनमें भी शुगर ज्यादा होता है और होल ग्रेन में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स और फाइबर कम होते हैं. Coffee

कॉफी में कैफीन पाया जाता है जो कि ड्यूरेटिक होता है. इसकी वजह से बॉडी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम का लॉस होता है. कैफीन एड्रेनल ग्लैंड्स पर स्ट्रेस डालता है जबकि एड्रिनल हमारी डिसेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से पहले से ही स्टे्रस्ड होती है. बॉडी की हीलिंग तभी होती है जब वह रिलैक्स्ड होती है. कैफीन का रेग्युलर कंजम्पशन बॉडी को रिलैक्स्ड नहीं होने देता है. कॉफी में पाया जाने वाला एसिड भी स्मॉल इंटेस्टाइन के फंक्शन पर निगेटिव असर डालता है. यानी एसिड भी कैफीन की तरह ही नुकसानदायक है. अगर एक कॉफी पीते हैं तो इसके एवज में दो ग्लास पानी एक्स्ट्रा पीजिए. Alcoholअगर आप ज्यादा अल्कोहाल लेते हैं तो यह बॉडी के हर सिस्टम के लिए प्वॉयजन जैसा ही है. यह नर्वस सिस्टम को डिप्रेस कर देता है, बोन मैरो के ब्लड सेल्स जनरेट करने की एबिलिटी कम कर देता है. यह लिवर के लिए टॉक्सिक है, साथ ही बी-विटामिन्स को कम करता है. इससे डिहाइड्रेशन भी ज्यादा होता है.Raw foods
नॉन-वेजिटेरियन फूड को अच्छी तरह नहीं पकाया गया तो इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया और इंटेस्टाइनल पैरासाइट से इंफेक्शन का खतरा रहता है. जिनका इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर है उनके लिए यह और भी डेंजरस है.

Posted By: Surabhi Yadav