पेशावर चर्च अटैक ड्रोन हमलों का बदला है: तालिबान
ख़ैबर पख़्तून की राजधानी के 100 साल से भी पुराने चर्च पर ये आत्मघाती हमला दोपहर के वक्त हुआ जब लोग प्रार्थना के बाद सामुहिक भोजन के लिए जमा हो रहे थे.कहा जा रहा है कि ये ईसाई समुदाय पर पाकिस्तान में हाल के सालों में हुआ सबसे बड़ा चरमपंथी हमला है.पाकिस्तान तालिबान से जुड़े एक चरमपंथी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा है कि ये क़बायली इलाक़ों में हो रहे अमरीकी ड्रोन हमलों का बदला है.चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार हमले में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. बीबीसी संवाददाता का कहना है कि जब चर्च में मौजूद लगभग छह सौ ईसाई वहां से निकल रहे थे, तभी वहां दो धमाके हुए.
पेशावर के एसएसपी के अनुसार दो आत्मघाती बम हमलावरों ने चर्च के भीतर दो अलग अलग जगहों पर खुद को उड़ा लिया.इस हमले के बाद ईसाई समुदाय ने पेशावर समेत पाकिस्तान के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए हैं.ईसाइयों का कहना है कि हमले के बाद प्रांतीय सरकार का कोई मंत्री न तो घटनास्थल पर पहुंचा और न ही अस्तपाल में घायलों का हालचाल लिया गया.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गृह मंत्री चौधरी निसार को पेशावर रवाना किया था. उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को इस्लामाबाद स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं.ये हमला कोहाटी गेट के करीब चर्च पर हुआ. स्थानीय पुलिस का कहना है कि मृतकों और घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.रविवार का दिन