जानवरों की चर्बी से बनने वाले ईंधन 'ग्रीन डीजल' से बोइंग विमान ने भरी उड़ान
क्या है 'ग्रीन डीजल'
बोइंग के एक विमान ने दुनिया में पहली बार 'ग्रीन डीजल' का इस्तेमाल कर उड़ान भरी है. यह ऐसा ईंधन है जो वनस्पति तेल, वेस्ट कुकिंग ऑयल और जानवरों की चर्बी से बना है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने 2 दिसंबर को अपनी 787 फ्लाइट में इसका इस्तेमाल किया, जिसके एयरक्राफ्ट के बाएं इंजन में 15 पर्सेंट ग्रीन डीजल और 85 फीसदी पेट्रोलियम जेट फ्यूल का मिश्रण भरा गया था.
किफायती होगा 'ग्रीन डीजल'
बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन्स के एन्वार्यन्मेंटल स्ट्रेटेजी एंड इंटीग्रेशन की एमडी जेली फेल्गर ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्रीन डीजल के इस्तेमाल की काफी संभावनाएं हैं. इसका इस्तेमाल हमारे ग्राहकों के लिए भी किफायती होगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया, स्थाई ग्रीन डीजल काफी मात्रा में उपलब्ध है, जिसका प्रयोग ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन में किया जाता है. यह केमिकली बायो डीजल से कुछ अलग होता है.
अमेरिका और यूरेशिया में संभावना अधिक
हालांकि बोइंग विमान ने इसका सफल परीक्षण तो कर लिया है, लेकिन अब इसके ग्लोबली इस्तेमाल को लेकर चर्चा जोरों पर है. बताया जाता है कि पूरी दुनिया में अमेरिका, यूरोप और एशिया ऐसी जगह हैं, जहां पर कुल 800 मिलियन गैलन 'ग्रीन डीजल' का प्रोडक्शन हो सकता है, और यह इतनी मात्रा है जो दुनिया की कुल एक परसेंट जेट फ्यूल की मांग को तुरंत पूरा कर सकता है.