ब्लॉक नसों को एंजियोप्लास्टी की एडवांस टेक्नोलॉजी से खोला
आगरा(ब्यूरो)। दिल की रुकावट को दूर करने के लिए हार्ट पेशेंट के लिए एंजियोप्लास्टी बेहद कारगार है. एंजियोप्लास्टी की नई टेक्नोलॉजी से डॉ. विनीश जैन आगरा में पिछले कुछ वर्षों से मरीजों के ऑपरेशन कर रहे हैं. रेनबो कार्डियक केयर आगरा में शुक्रवार को एंजियोप्लास्टी की वर्कशॉप के दौरान मरीजों के ऑपरेशन एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए हुए. इटली से आए प्रोफेसर इमाद शीबान भी वर्कशॉप में शामिल हुए.
इन नसों को खोला गया
रेनबो कार्डियक केयर के डायरेक्टर और सीनियर ह्रदय रोग चिकित्सक डॉक्टर विनीश जैन ने बताया कि आज एंजियोप्लास्टी की टेक्नॉलॉजी काफी आगे बढ़ रही है. मरीजों की बिना कंट्रास्ट के एंजियोप्लास्टी की जा रही है. वर्कशॉप में ज्यादा कैल्शियम वाले केस ऑपरेट किए. कई मरीजों में कैल्शियम जमने से सख्त हुई नसों को रोटाब्लेशन ड्रिल का इस्तेमाल करके खोला गया. कैल्शियम को काटकर छल्ला डाला गया. वहीं
कुछ ह्दय के मरीजों की नसें बहुत सालों से बंद थी, इस तरह की बंद नसों को खोलना मुश्किल होता है, बाईपास ही उसमें संभव है, लेकिन आज नई टेक्नोलॉजी के द्वारा अलग-अलग विधियों से इन नसों को खोला गया.
गुरुवार को हुई सीएमई
इससे पहले आगरा में आए इटली के प्रोफेसर इमाद शीबान के साथ गुरुवार को हुई सीएमई में आइएसीएम और एडीएफ (आगरा डायबिटिक फोरम) के साथ मिलकर कई चिकित्सकों ने भाग लिया. ह्दय रोग में नए एडवांसमेंट पर डा. शीबान ने अनुभव बताए. वहीं डा.विनीश जैन ने बिना कंट्रास्ट के एंजियोप्लास्टी पर चर्चा की. ये गुर्दे के मरीजों के लिए क्रांतिकारी कदम है. क्योंकि गुर्दे के मरीजों को कंट्रास्ट नहीं दे सकते हैं. उनकी एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी नहीं हो पाती है. इस सीएमइ में चिकित्सकों ने इस पर अपने अनुभवों का आदान प्रदान किया. इटली के प्रोफेसर इमाद शीबान हैदराबाद, एसजीपीजीआइ लखनऊ के बाद आगरा में वर्कशॉप के लिए आए हैं. डा. शीबान के इटली के सेंटर से आगरा के डॉ. विनीश जैन ने शुरुआती दौर में ट्रेनिंग ली थी. आगरा में उच्च तकनीकि प्रयोग कर रहे हैं.