गर्माया अटकलों का बाजार, सात फरवरी से पहले हो सकता है भाजपा-पीडीपी गठबंधन
क्या कहना है नईम अख्तर का
इसको लेकर पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर का कहना है कि भाजपा के साथ औपचारिक बातचीत तो अभी शुरू ही होनी है. इसके विपरीत उन्होंने यह भी स्वीकारा है कि अनौपचारिक स्तर पर बातचीत फिलहाल जारी है. पार्टी पर गौर करें तो राज्य विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं और वहीं भाजपा के पास 25 विधायक हैं. नेशनल कांफ्रेंस को चुनाव में कुल 15 सीटें मिली हैं. उसकी पूर्व सहयोगी कांग्रेस को तो सिर्फ 12 सीटें ही मिली हैं. इनके अलावा सात सीटें छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में चली गईं हैं.
नईम अख्तर को किया अधिकृत
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बातचीत करने के लिए सिर्फ नईम अख्तर को अधिकृत किया है. ऐसा उन्होंने इसलिये किया है क्योंकि अभी भी इस बात पर कहीं न कहीं संशय है कि पीडीपी और भाजपा के बीच किसी प्रकार का गठबंधन होगा भी या नहीं. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को जानकारी दी कि अनुच्छेद 370 और अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) को लेकर पार्टी के जिम्मेदार लोगों की ओर से अभी बातचीत फिलहाल चल रही है.
पीडीपी संरक्षक और राज्यपाल ने की मुलाकात
रविवार को पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मुहम्मद सईद ने राज्यपाल एन एन वोहरा से डिनर के दौरान दो घंटे की मुलाकात की. दोनों की इस मुलाकात से लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुफ्ती मुहम्मद ने राज्यपाल से सरकार बनाने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की है. इन सभी सवालों से पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता बचते हुये नजर आये. ऐसे में अख्तर ने जानकारी देते हुये बताया कि हां, मुफ्ती मुहम्मद ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्दी में नहीं हैं.
निवर्तमान सरकार का कार्यकाल हुआ समाप्त
सोमवार को राज्य की निवर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया. अब 12वीं विधानसभा का गठन राज्य कानून विभाग की ओर से अधिसूचना जारी करके किया जा चुका है, लेकिन निर्वाचित सदस्यों ने अभी तक शपथ नहीं ली है. ऐसे माहौल में राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा है कि इस महीने के बाद कभी भी भाजपा और पीडीपी के बीच गठबंधन हो सकता है.
ऐसे-ऐसे लग रहे हैं अनुमान
अब ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर वे एक साथ लड़ते हैं, तो काफी संभावनाएं हैं कि चारों राज्यसभा सीटें भाजपा और पीडीपी गठबंधन को मिल सकती हैं. इसके विपरीत अगर वे अलग-अलग लड़े तो दोनों पार्टियां दो सीट से ज्यादा जीत ही नहीं सकतीं. गौरतलब है कि है कि आठ जनवरी को राज्य के राज्यपाल ने एन.एन. वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन की घोषणा की थी.