राजस्‍थान में सीएम की कुर्सी संभाल रहीं वसुंधरा राजे ने स्‍थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत दिलवाई है। हालांकि वसुंधरा को ललित गेट मामला कुछ भारी पड़ गया जिसके चलते उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस ने सेंध लगा दी।

113 निकायों पर हुए चुनाव
वसुंधरा राजे को लेकर दिल्ली में हुए घमासान के बाद राजस्थान में हुए निकाय चुनाव बीजेपी के लिए खतरा साबित बन सकते थे। लेकिन लोगों का भाजपा पर भरोसा अभी भी कायम रहा। राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव में बीजेपी को भारी सफलता मिली है। 113 निकाय चुनावों में से अब तक घोषित 107 निकाय के नतीजों में बीजेपी 65 निकायों पर कब्जा कर चुकी है, वहीं कांग्रेस 25 निकाय तक ही सीमित रह पाई। जबकि 17 निकायों पर निर्दलीय और अन्य पार्टियों ने कब्जा जमाया।
गृह निर्वाचन क्षेत्र में झटका
वैसे एक तरफ बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, तो दूसरी तरफ राजे को तगड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री राजे के गृह निर्वाचन क्षेत्र झालरापाटन और गृह जिला धैलपुर में बीजेपी को शिकस्त झेलनी पड़ी। फिलहाल डूंगरपुर बोर्ड पर बीजेपी ने कब्जा जमाया तो कोटपुतली में निर्दलीयों का दबदबा रहा। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी शिकस्त प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के लिए रही। पायलट अपने क्षेत्र अजमेर से ही हार गए, यहां पर भी बीजेपी ने बाजी मारी।
कांग्रेस ने दी कड़ी टक्कर
इस चुनाव में सबसे बडा मुकाबला अजमेर में था जहां नगर निगम का चुनाव हुआ था। यहां भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि जीत बड़ी नहीं रह पाई है, क्योंकि 60 वार्ड के निगम में बहुमत के लिए 31 सीट चाहिए थी और भाजपा इतनी ही सीट जीत पाई है। कांग्रेस 22 पर रही है, जबकि सात सीटों पर निर्दलीय जीते हैं। नगर परिषदों में कांग्रेस आगे रही है। कुल 15 नगर परिषदों में से आठ में कांग्रेस को बढत है, जबकि भाजपा चार में बढ़त बना पाई है। दो परिषदों में भाजपा व कांग्रेस बराबरी पर है, जबकि एक परिषद में निर्दलियों की बढ़त है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari