विजय सैमुअल हजारे महाराष्ट्र से भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। भारतीय टीम के हजारे हाई क्‍लास राइट हैंडेड बैट्समैन होने के साथ ही राइट आर्म मीडियम पेस बॉलर भी रहे हैं। 1951 से 1953 के बीच वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। अपनी कप्तानी के दौरान उनको टेस्ट-क्रिकेट में भारत को पहली सफलता दिलाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा ई। इस दौरान उन्‍होंने कुल 14 मैच खेले। भारतीय टीम में इनको रन मशीन कहकर भी बुलाया जाता है। डॉन ब्रैडमैन जैसे क्रिकेटर का विकेट लेने वाले ये इंडियन टीम के बेहतरीन खिलाड़ी साबित हुए। ऐसे क्रिकेटर विजय हजारे के जन्‍मदिन के मौके पर आइए जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी चंद अहम बातें।


1 . विजय हजारे का जन्म 11 मार्च 1915 में एक मराठी क्रिश्चियन फैमिली में हुआ था। सांगली के प्रेसबायटेरियन मिशन इंडस्ट्रियल स्कूल से इनकी शुरुआती शिक्षा पूरी हुई। 2 . हजारे ने शुरू से ही किताबों से ज्यादा क्रिकेट और फुटबॉल को तरजीह दी। क्रिकेट में इन्होंने मीडियम पेसर के तौर पर शुरुआत की। अपनी बैटिंग को सुधारने के लिए इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लेजेंड्री स्पिनर क्लेरी ग्रिमेट से बहुत कुछ सीखा। ग्रिमेट ने इनको बहुत कुछ सिखाया और अपनी बैटिंग पर खास ध्यान देने की हिदायत भी दी। पढ़ें इसे भी : किंग्स इलेवन पंजाब के नए कप्तान मैक्सवेल कभी इस हसीना के इश्क में थे गिरफ्तार
3 . हजारे ने टेस्ट क्रिकेट में अपने कॅरियर की शुरुआत टीम इंग्लैंड के खिलाफ खेलकर की। ये मैच 22 जून 1946 को इंग्लैंड के लॉर्ड्स स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में इन्होंने 65 रनों का योगदान किया। इसके अलावा अपनी फील्डिंग के दौरान इन्होंने 2 विकेट लिए। हालांकि ये मैच 10 विकेट से इंग्लैंड ने जीता।


9 . 1947-48 में ये मौका था एडिलेड टेस्ट का। यहां हजारे की बॉलिंग क्रिकेट जगत में हमेशा के लिए यादगार बन गई। इस मैच से पहले क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने अपनी डबल सेंचुरी का रिकॉर्ड बनाया था। वहीं अगल मैच में महज 13 रन के लो-स्कोर पर हजारे ने इनका विकेट झटका और बैक टू पवेलियन कर दिया। इंडियन टीम के लिए ये उस समय की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

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Posted By: Ruchi D Sharma