एडवर्ड स्नोडेन, जिसने खोले दुनिया के सबसे बड़े राज जो किसी धमाके से नहीं थे कम
सीआईए के एक कर्मचारी थे एडवर्ड
कानपुर। आज यानी कि 21 जून को अमेरिका की नींद उड़ा देने वाले एडवर्ड स्नोडेन का जन्मदिन है। एडवर्ड जोसफ स्नोडेन ने अमेरिकी खुफिया के बड़े राज खोले थे। 'गार्जियन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडवर्ड ने मीडिया के माध्यम से अमेरिका और ब्रिटेन के कई गुप्त जानकारियों को सार्वजनिक किया था। बता दें कि एडवर्ड अमेरिका की नेशनल सेक्यूरिटी एजेंसी (एनएसए) में पहले एक सॉफ्टवेयर स्पेशलिस्ट के तौर पर काम करते थे और उससे भी पहले वह सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के एक कर्मचारी थे।
एलिजाबेथ सिटी में हुआ जन्म
एडवर्ड स्नोडेन का जन्म अमेरिका के एलिजाबेथ सिटी के उत्तरी केरोलिना में 21 जून 1983 को हुआ था। एडवर्ड स्नोडेन के परिवार के सभी सदस्य अमेरिकी सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। उनके पिता लोनी कोस्ट गार्ड में अधिकारी थे, जबकि उनकी मां एलिजाबेथ मैरीलैंड जिला न्यायालय में एक क्लर्क हैं। लिहाजा स्नोडेन को पढ़ाई में कभी परेशानी नहीं हुई।
खुफिया एजेंसी से जुड़े कई खुलासे किये
जब एडवर्ड नेशनल सेक्यूरिटी एजेंसी (एनएसए) में एक सॉफ्टवेयर स्पेशलिस्ट के तौर पर काम करते थे, तभी उन्होंने दुनिया को चौका देने वाले खुलासे किये। 'सीएनएन' के मुताबिक, जून से जुलाई 2013 में खुलासों की एक सीरीज में उन्होंने कई निगरानी कार्यक्रमों को दुनिया में सार्वजनिक किया, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय टेलीफोन मेटाडेटा का इंटरसेप्ट, प्रिज़्म, एक्सकीस्कोर (XKeyscore) और टेम्पोरा (Tempora) इंटरनेट निगरानी कार्यक्रम शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने खुफिया एजेंसी द्वारा बनाए गए एक सॉफ्टवेयर का भी खुलासा किया था, जो किसी भी एप्पल और एंड्राइड फोन को हैक कर सकती थी। इतना ही नहीं ये सॉफ्टवेयर लोगों के फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर भी नज़र रखती थी।
रूस की पनाह में एडवर्ड स्नोडेन
मीडिया में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की धज्जियां उड़ाने के बाद पूरे देश में अफरा तफरी मच गई थी। यहां तक कि जून 2013 में एडवर्ड स्नोडेन पर जासूसी और चोरी करने जैसे संगीन अपराध के मामले दर्ज किये गये। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने स्नोडेन के खिलाफ अन्य देशों में भी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। लेकिन एडवर्ड उससे पहले ही अमेरिका छोड़कर भाग निकले। वे मई 2013 में अमेरिका से सीधा हॉन्ग कॉन्ग पहुंचे। जब वह हॉन्ग कॉन्ग में थे तब उन्हें इस बात का एहसास हो गया कि अगर वे वापिस अमेरिका जायेंगे तो उनकी जान को खतरा होगा, इसलिए उन्होंने रुस की सरकार से उन्हें अपने देश में रखने की गुहार लगाई और रुस ने इसे खुशी से स्वीकार भी कर लिया। रुस सरकार ने स्नोडेन को पहले अपने देश में एक साल के लिये वीजा दिया, जिसे बाद में बढ़ाकर तीन साल कर दिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्नोडेन वर्तमान समय में भी रूस की पनाह में हैं।