रोजाना 80 किमी सफर करके धोनी से पहले टीम इंडिया में मारी थी एंट्री, फेंकी थी सबसे तेज गेंद
कानपुर। 25 नवंबर 1982 को बंगाल के नादिया में जन्मीं पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी आज 36 साल की हो गईं। झूलन ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अपनी एक अलग पहचान बनाई। टेस्ट हो या वनडे, झूलन की तेज रफ्तार गेंदों को खेल पाना हमेशा मुश्किल रहा। एक समय ऐसा था जब उन्होंने 120 किमी/घं की स्पीड से गेंद फेंककर इतहास रच दिया था। झूलन ने अपने दम पर भारत को कई मैच जितवाए। तो आइए जानें उनका क्रिकेट सफर कैसा रहा।
विश्व क्रिकेट में हमेशा से पुरुषों का वर्चस्व रहा है। दौलत, शोहरत, स्टारडम जो कुछ भी है सब पुरुष क्रिकेटरों को मिलता है। भारत हो या अन्य देश कहीं भी महिला खिलाड़ियों को उतनी पॉपुलैरिटी हासिल नहीं होती। इसके बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कुछ खिलाड़ियों ने मेहनत के बलबूते अपना नाम कमाया है। इनमें से एक हैं तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी। झूलन तब से क्रिकेट खेल रही है, जब धोनी का नाम तक कोई नहीं जानता था। एमएस धोनी ने साल 2004 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, जबकि झूलन 2002 में ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल हो गईं थीं। जब धोनी प्लेटफॉर्म पर टिकट चेक करते थे, तब यह महिला खिलाड़ी टीम में आई।
झूलन की कड़ी मेहनत और जज्बे का ही नतीजा था कि 19 साल की उम्र में उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया था। झूलन ने चेन्नई में साल 2002 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला वनडे मैच खेला। तब से लेकर अभी तक, झूलन ने 169 वनडे खेल लिए हैं, जिसमें उन्होंने 203 विकेट अपने नाम किए। महिला क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा वनडे विकेट लेने वाली गेंदबाज झूलन गोस्वामी हैं। यही नहीं मौजूदा वक्त में सबसे तेज गेंद फेंकने वाली भी झूलन ही हैं, वह 120 किमी/घं की स्पीड से गेंद फेंकती थी। सितंबर 2018 में झूलन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।धोनी के हाथों मिला था अवार्डसाल 2007 में झूलन को आईसीसी वुमेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड उन्हें भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने दिया था। इसके अलावा झूलन को 2010 में अर्जुन अवार्ड और 2012 में पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।वो धाकड़ बल्लेबाज, जो स्टेडियम की छत ही नहीं फील्डरों की हड्डियां भी तोड़ देता था