बिल गेट्स ने कहा अपने बच्चों के लिए नहीं छोड़ुंगा संपत्ति
दानवीर बिल गेट्स
माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स तो हैं ही पर इसके साथ ही वो अपने समाज सेवा के कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि उनकी 70 बिलियन पाउंड यानि 5 लाख करोड़ से ज्यादा की संपत्ति में से उनके बच्चों को कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि वो अपने बच्चों को विरासत में पैसे सौंपने की बजाय उसे चैरिटी काम के लिए दान कर जायेंगे ताकि उनकी फाउंडेशन उनके बाद भी सुचारू रूप से चलती रहे। बिल गेट्स और उनकी पत्नी मिलिंडा गेट्स बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के नाम से एक समाज सेवी संस्था चलाते हैं। ये फाउंडेशन विश्व की सबसे बड़ी और सबसे पारदर्शी प्राइवेट फाउंडेशंस में से एक है।
बच्चे समझ सकते हैं उनका फैसला
बिल गेट्स का कहना है कि उनके बच्चे उनके फैसले की सार्थकता को समझ सकते हैं कि उनके पिता अपनी 70 बिलियन पाउंड संपत्ति दान करना चाहते हैं। वे बिल के फैसले का सम्मान करेंगे ऐसी अपेक्षा भी वे रखते हैं। उनका मानना है कि उनके बच्चों को दुनिया के गरीबों के लिए पैसे दान करने के फैसले पर गर्व होगा। बिल ने ये भी कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को भले ही बिलियन डॉलर का फंड नहीं दिया पर उच्च शिक्षा दी है, जिससे वह अपना करियर खुद बेहतर तरीके से शुरू कर सकते हैं। साथ ही बिजनेस की दुनिया के इस बादशाह ने ये भी स्पष्ट किया कि संपत्ति दान करने के बाद भी बच्चों को फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी और वो कतई गरीब नहीं होने जा रहे हैं।
सुरक्षित रहेगा बच्चों का भविष्य
मीडिया से बात करते हुए बिल गेट्स ने स्पष्ट किया कि उनके बच्चों को अच्छी एजुकेशन मिली है। उनके पास ठीक ठाक संपत्ति भी है जिससे वो अपने करियर सही और सुविधाजनक तरीके से शुरू कर पायेंगे। यानि उनके तीनों बच्चे जेनिफर (20), रॉरी (17) और फोएबे (14) कतई गरीब नहीं होने जा रहे हैं। बिल की बेटी जेनिफर कैलिफॉर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के सेकेंड ईयर में है। इसी यूनिवर्सिटी को गेट्स ने बेटी के नाम पर कम्प्यूटर साइंस बिल्डिंग बनवाने के लिए 5 मिलियन पाउंड दिया है। उनके दोनों छोटे बच्चे अभी स्कूल में हैं और उनके साथ वॉशिंगटन के घर में रहते हैं। गेट्स ने अपने बच्चों को अपनी विशाल संपत्ति में एक छोटा अंश ही देने की घोषणा की है। बाकी संपत्ति वह बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन में चैरिटी के लिए दे देंगे। ये फाउंडेशन दुनियाभर में हेल्थ और एजुकेशन प्रोजेक्ट चलाती है।