लंदन में असफल हुई कश्मीर रैली की आंच पहुंची पाकिस्तान तक, मचा बवाल
एक शब्द नहीं बोलने दिया पीपीपी चेयरमैन को
इसी क्रम में पाकिस्तान समर्थकों ने कश्मीर को लेकर ट्रेफलगर स्क्वायर से डाउनिंग स्ट्रीट तक मिलियन मार्च भी निकाली, लेकिन वहां सिर्फ कुछ ही लोग इकट़ठा हो सके. इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो को बोलने भी नहीं दिया और देखते ही देखते वहां का माहौल बिगड़ गया.
पीटीआई चेयरमैन के भतीजे को भी लिया हिरासत में
इतना ही नहीं प्रदर्शन स्थल पर बिलावल के साथ ही साथ नवाज शरीफ विरोधी नारे भी खूब लगे. लोगों ने प्लास्टिक की बोतलें तक उनपर फेंकनी शुरू कर दीं. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह मार्च कश्मीर तथा कश्मीरियों के लिए है. बिलावल की इसमें कोई भी जरूरत नहीं है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के चेयरमैन इमरान के भतीजे हसन नियाजी को भी इस दौरान पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया.
'भारतीय एजेंटों ने नहीं बोलने दिया मेरे भाई को'
मामला सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुआ. इस घटना के बाद सिंध प्रांत के हैदराबाद में पीटीआई के दफ्तर पर भी लोगों ने हमला बोला. इमरान ने बताया कि हमला करने वाले पीपीपी के लोग थे. बिलावल की बहन असीफा भुट्टो ने इस मामले पर ट्वीट किया है कि उनके भाई को तथाकथित भारतीय एजेंटों ने बोलने नहीं दिया. यह सब सोची समझी साजिश के तहत हुआ है.
पाक प्रधानमंत्री से कहा इस ओर ध्यान देने को
इन सबके बीच पीपीपी नेता रहमान मलिक ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से लंदन में हुई घटना पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिलावल कुछ और नहीं कश्मीरियों के लिए आवाज उठा रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि भारत ने मार्च से पहले ही कहा था कि यह लंदन और नई दिल्ली के संबंधों को खराब करने की कोशिश भर है और कुछ नहीं. सरकार ने भी कश्मीर मसले पर ब्रिटेन के रुख की जमकर प्रशंसा की है. गौरतलब है कि मार्च का नेतृत्व बेरिस्टर सुल्तान महमूद चौधरी कर रहे थे. वह पाक कब्जे वाले कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं.