वैशाखी को किसी कीमत पर घर नहीं लाएंगे
डिस्चार्ज करा थाने लाई पुलिसउन्होंने तो वैशाखी को ब्लैकमेल करने वाली महिला तक कह डाला। इस केस के आईओ एसआई एसएन सिंह पीएमसीएच गए थे। वहां बिहार बंगाली समिति की टीम भी पहुंची थी। वहां से उसे डिस्चार्ज कराकर हॉस्पीटल से डॉक्यूमेंट्स लेकर आलमगंज थाना लौटे। यहां एसएचओ बीके सिंह के साथ प्लान हुआ कि वैशाखी को ससुराल भेज दिया जाना चाहिए और इसमें यदि कोई बाधक बनता है, तो उसे अरेस्ट कर लिया जाएगा.
पुलिस वैशाखी को चैली टाल स्थित मां सोना निवास लेकर गई। वहां कोई नहीं था। वैशाखी से उनके पति का सेल नंबर लेकर पुलिस ने जब उसे कॉल किया, तो उसने कॉल अटेंड नहीं किया। ससुर राधेकृष्ण प्रसाद अपने बेटे अभिषेक के साथ आए और घर में जाने लगे। जैसे ही वैशाखी अंदर जाने लगी कि उसे रोक दिया गया। ससुर राधेकृष्ण ने स्पष्ट कहा कि वैशाखी यहां ठीक से रह रही थी। वह महावीर मंदिर पूजा करने व पेरेंट्स से मिलने को बोलकर गई, पर उसके बाद नहीं आई। यह तो शुक्र था कि उसने एसपी के दरवाजे पर जहर खाया, अगर यहां खाती तो हमलोग को जेल की हवा खानी पड़ती। उसके सारे फर्जी डॉक्यूमेंट्स हमारे पास हैं और हम उसे किसी कीमत पर अपने पास नहीं रखेंगे। पिता-पुत्र को रखा हवालात मेंआलमगंज थाने की पुलिस पिता-पुत्र के साथ वैशाखी को थाना ले गई। वहां दोनों को हवालात में रखा गया है। उधर, बिहार बंगाली समिति के अध्यक्ष कैप्टन दिलीप कुमार सिन्हा, विश्वनाथ देव, सपन सिंह गुप्ता, नंदिता रॉय व कल्पना चटर्जी ने कहा कि वे सब वैशाखी को हर हाल में न्याय दिलवाएंगे। वैशाखी ने कहा कि मुंबई में कोर्ट मैरिज व मंदिर में शादी के बाद कोलकाता में हुए रिसेप्शन की फोटो व वीडियो फुटेज मेरे पास है। तीन फरवरी से वह ससुराल में थी। उसने बताया कि मेरे दादा ससुर ने उसके साथ समझौता कराकर धोखा किया है। अब मैं ससुराल में रहूंगी या फिर मर जाउंगी।