इको पार्क में बिना सेटी मेजर्स पर्यटक कर रहे बोटिंग
पटना (ब्यूरो)। कोरोना को लेकर चल रहे प्रतिबंध में छूट मिलते ही वेलेंटाइन वीक के पहले दिन पटना के राजधानी वाटिका में पर्यटकों की भीड़ उमर पड़ी। कपल एक-दूसरे को गुलाब देने के लिए नौकायन का तरीका अपनाया जो खतरे से खाली नहीं था। क्योंकि राजधानी वाटिका के जिस नाव पर वे सवार हुए उसमें न तो उन्हें लाइफ जैकेट दी गई और न ही कोई हिदायत। तालाब में सेल्फी लेने के चक्कर में बड़े के साथ बच्चों को भी सुरक्षा जैकेट पहनने के लिए नहीं कहा जा रहा है। नौकायन में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर वन्य विभाग कम गहराई होने की बात कहकर से जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि पटना में पर्व छठ के दौरान भी चार फीट गहरे घाट पर लाइफ जैकेट पहने सेना के जवान श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। आज रोज डे पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इस रिपोर्ट में पढि़ए नौकायन का सच
दो सीटर नाव में नाविक नहीं
राजधानी वाटिका में नौकायन शुल्क के नाम पर वन्य विभाग की ओर से 2 सीटर नाव के लिए 80 रुपए और 4 सीटर नाव के लिए 100 रुपए, शिकारा के लिए 200 रुपए वसूले जा रहे हैं। लेकिन 2 सीटर और 4 सीटर नाव में नाविक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि 4 सीटर शिकारा नाव मेंं नाविक का प्रावधान है। वेलेंटाइन वीक होने के चलते ज्यादातर कपल 2 सीटर नाव का ही उपयोग कर रहे हैं। इसमें पर्यटक ही नाविक की भूमिका भी अपनाते हैं।
राजधानी वाटिका में नौकायन के दौरान कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। क्योंकि किसी को भी लाइफ जैकेट नाव में प्रवेश करने से पहले नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि नियमानुसार नौकायन से पहले लाइफ जैकेट पहनना आवश्यक है। नौकायन के बाद रिपोर्टर द्वारा पूछने एक कपल ने बताया कि पहली बार नाव सवार हुए तालाब के बीच जाने के बाद दिल की धड़कन तेज हो गई। हमलोग समय से पहले ही वापस आ गए, क्योंकि ऐसा लगा कि कोई हादसा न हो जाए। अगर लाइफ जैकेट की व्यवस्था होती तो कुछ देर और नौकायन कर सकते थे लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था विभाग की ओर से नहीं की गई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
राजधानी वाटिका में बिना लाइफ जैकेट नौकायन को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब पार्क के जिम्मेदार अधिकारी शशिकांत कुमार, वन्य प्रमंडल पदाधिकारी, पार्क प्रमंडल से बात की तो उन्होंने कहा कि गहराई नहीं है इसलिए लाइफ जैकेट की आवश्यकता नहीं है। मौके पर सिक्योरिटी के लिए गोताखोर वोट से पेट्रोलिंग करते रहते हैं। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर गहराई नहीं है तो पेट्रोलिंग और गोताखोर की क्या आवश्यकता है? नाम नहीं छापने की शर्त पर वन्य विभाग के एक स्टाफ ने बताया कि तालाब की गहराई 5 से 6 फीट है।
आसपास के जिलों से आते हैं पर्यटक
राजधानी वाटिका में नौकायान भले बिना लाइफ जैकेट हो रहा हो लेकिन किसी गेट से प्रवेश कर किसी भी वाटिका में भ्रमण की सुविधा है। तीनों पार्क एक-दूसरे से अटैच है। एक शुल्क पर पार्क में भ्रमण की व्यवस्था है। इसके साथ वेलेंटाइन वीक में ये पार्क कपल्स के लिए खास हो जाता है, क्योंकि पार्क में लगे विभिन्न प्रजाति के गुलाब के पुष्प को देखने को पटना ही नहीं आसपास के जिले से कपल यहां आकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर पार्क के एक स्टाफ ने बताया कि कोविड के कारण डेढ़ महीने से पार्क बंद होने के बाद मंडे को खुलते ही दोपहर 12 बजे तक 500 से अधिक लोग टिकट ले चुके थे।