आपदा प्रबंधन की ओर से वज्रपात सुरक्षा रथ जागरुकता के लिए रवाना


पटना (ब्यूरो)। वज्रपात, अन्य प्राकृतिक आपदा की तुलना में मानव जीवन को अधिक नुकसान पहुंचा रहा है। अगले पांच साल में वज्रपात से होने क्षति को 70 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य है। आंकड़े बता रहे हैं कि बीते पांच साल में वज्रपात से बिहार में 1000 से ज्यादा लोगों की असामयिक मौत हुई है। उक्त बातें जिलाधिकारी डा। चंद्रशेखर ङ्क्षसह ने गुरुवार को वज्रपात सुरक्षा जागरूकता रथ को रवाना करने के अवसर पर कही।

15 जिलों में अधिक वज्रपात डीएम में बताया कि प्रदेश के 15 जिलों में अधिक वज्रपात होता है। पटना जिले के पालीगंज, दुल्हिनबाजार, फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, पंडारक एवं मोकामा प्रखंड प्रभावित है। पटना जिले में वर्ष 2016 से 2020 तक 42 लोगों की मौत हुई है। वर्ष 2021 में 19 लोग इसके शिकार हुए।आसानी से कर सकते हैं डाउनलोड
इस अवसर पर एडीएम आपदा प्रबंधन संतोष कुमार झा, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन मिन्टी हर्षिता सहित अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। डीएम ने कहा कि संवेदीकरण तंत्र से बचाव किए जा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर से स्मार्ट फोन पर आसानी से इंद्रवज्र एप डाउनलोड किया जा सकता है। स्मार्ट फोन यूजर को लगभग 20 किलोमीटर की परिधि में ठनका गिरने की स्थिति में उसे लगभग 40 से 45 मिनट पूर्व अलार्म टोन के साथ चेतावनी संदेश प्राप्त होगा।

Posted By: Inextlive