Patna Newa ओपन हॉस्पिटल है ये आयुर्वेद पार्क , औषधीय पौधों से कई लोग कर रहे इलाज
पटना ब्यूरो। अगर आपसे ये कहें राजधानी पटना के पुनाईचक में एक ऐसा पार्क है जो अपने आप में ओपन हॉस्पिटल है। जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन ये हकीकत है। जहां जड़ी-बूटी व मसालों के पौधों की खरीदारी इलाज के लिए करते हैं। हम बात कर रहे हैं औषधि पार्क की.लोगों में औषधीय पौधों के प्रति जागरुकता लाने के लिए बिहार सरकार का पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग औषधीय पार्क बनाया है। पार्क में कई औषधीय एवं मसाले के पौधे हैं जिनके बारे में सभी लोग नहीं जानते हैं। जड़ी बूटी एवं मसाला दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पड़ताल किया पढि़ए रिपोर्ट
-औषधि पार्क लगाए गए है 80 प्रजाति के पौधे
पिमेंटा, घृत कुमारी, दमबेल, कड़ी पत्ता,सर्पगंधा, गुड़मार, अरारोट, कपूर तुलसी, ब्राह्मी श्याम तुलसी सहित 80 प्रजाति के पौधे मौजूद है। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के क्लिनिकल रजिस्ट्रार डॉ। रामबाबू पासवान ने बताया कि पार्क में मौजूद औषधि गुणों से भरपूर पौधों के बारे कई लोगों को जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि ब्रहा्मी के पौधे को ब्रेन संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए लोग खरीदारी करते हैं। इस पौधे के पत्ते का उपयोग गंजापन, पागलपन, याददास्त उपचार के लिए किया जाता है। सरकार की ओर से बनाए गए इस पार्क आम पब्लिक अवेयर हो रहे हैं।
- आयुर्वेदिक डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि औषधि पार्क में लगे पत्थरचूर के पौधे के पत्ता से किडनी रोग एवं शरीर के घाव के उपचार के लिए किया जाता है। कपूर तुलसी का उपयोग पेट दर्द सहित कई तरह के बीमारी की जाती है। अरारोट के जड़ का उपयोग सुपाच्चय, कब्ज निवारक के लिए किया जाता है। रेड बर्ड के पत्ता का उपयोग चर्म रोग संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए लोग खरीदारी करते हैं। -अनिद्रा और सूखी खांसी को दूर करने के लिए भी लोग पहुंचते हैं पार्क
पार्क के कर्मचारियों ने बताया कि पार्क के अंदर मौजूद शतावरी पौधे के पत्ते से अनिद्रा, सूखी खांसी का उपचार किया जाता है। इसे खरीदने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। इसके अलावा अल्सर और सूजन संबंधित बीमारी को दूर करने के लिए लाजवंती के पौधे की लोग खरीदारी करते हैं। दस्त और उल्टी को कम करने के लिए नागरमोथा के जड़ का उपयोग करते हैं। इस पौधे की खरीदारी के लिए भी कई पटनाइट्स पहुंच रहे हैं।
-हृदय रोग एवं एंटी कैंसर भी होता है इलाज
आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने बताया कि औषधि गुणों से भरपुर कुल्फा पौधे के पत्ते से हृदय रोग एवं एंटी कैंसर का इलाज होता है।
पार्क में मौजूद अश्वगंधा पौधे का उपयोग बल बर्धक ब्रेन के इलाज के लिए लोग खरीदारी करते हैं। अश्व गंधा का प्रयोग रसायन के रूप में की जाती है। इसके अलावा काला धतुरा के जड़ का उपयोग बुखार, दस्त, त्वचा संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। राइस सेंट की खरीदारी लोग चेहरा साफ करने के लिए करते हैं। चेहरा साफ करने के लिए इसका पत्ते का उपयोग किया जाता है। श्याम तुलसी के बीज और पत्ते का उपयोग ट्यूमर रोग एवं कमजोरी दूर करने के लिए किया जाता है। अजवाईन के पौधे की खरीदार लोग ऐंटी कैंसर, पेट दर्द में होता है। इसके पत्ते से बीमारी का इलाज होता है। लेमन ग्रास के पत्ते इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता हैं। पुदीना का उपयोग पाचन शक्ति के लिए किया जाता है।
-मसाले के लिए भी करते हैं खरीदारी
औषधि पार्क में कई औषधि पौधों की खरीदारी कई लोग सब्जी में प्रयोग करने के लिए मसाले के लिए भी करते हैं। पार्क के कर्मचारियों ने बताया कि पार्क में मौजूद कड़ी पत्ता, लौंग, गुलकी, तेजपात, दालचीनी के पौधों की घर में लगाने के लिए करते हैं। इन पौधों के पत्ते और पौधे से निकलने वाले बीज का उपयोग मसाले में करते हैं।
औषधि पौधों से लोगों के इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर से पटना सहित 12 जगहों पर औषधि पार्क के तौर डेवलप किया गया है। पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर, रोहतास और जमुई में निर्माण कार्य हुआ है.दूसरे चरण में भागलपुर, गया, आरा, पूर्णिया, नवादा समेत आठ स्थानों पर पार्क बन रहे हैं। प्रत्येक पार्क का निर्माण 52 लाख रुपये की राशि से हो रहा है।
-80 प्रजाति के पौधे है मौजूद
पार्क के सुपरवाइजर राजेश कुमार ने बताया कि पार्क के अंदर 80 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। हर प्रजाति के पौधे के आगे बोर्ड लगाया गया है। इसमें उस पौधे का नाम और प्रजाति के बारे में लिखा है। पौधा किस रोग में काम आता है, इसकी भी जानकारी दी गई है। औषधीय पौधों के बारे में जानकारी देने के लिए पार्क में ही कियोस्क केंद्र बनाया गया है। इसमें लोगों को औषधीय पौधों का उपयोग, लगाने की जानकारी दी जा रही है। हर पौधे की कीमत सरकार की ओर से 150 रुपए निर्धारित है। रसीद कटाकर कोई भी पौधे की खरीदारी कर सकता है।
-पटना के पुनाईचक में बने हैं औषधीय पार्क
-औषधि पौधों की खरीदारी कर लोग कर रहे हैं खुद से इलाज
-पुनाईचक पार्क में 800 वर्ग मीटर में बनाए गए हैं पार्क
-पार्क के बनाए में 52 लाख रुपये हुए हैं खर्च
- पार्क में 80 तरह के औषधि पौधे हैं मौजूद
- कैंसर व हृदय संबंधित बीमारियों पौधे की खरीदारी के लिए पटना ही नहीं आसपास के जिलों से भी लोग आते हैं ब्राह्मी के पौधे का उपयोग ब्रेन संबंधित बीमारी को दूर करने। जो बच्चे मानसिक रुप से बीमार हैं उनके इलाज के लिए किया जात है। अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेद में बल बर्धक एवं ब्रेन के इलाज के लिए किया जाता है। श्याम तुलसी का उपयोग अस्थमा,एलर्जी एंटी कैंसर के रूप में भी किया जाता है।
-डॉ। रामबाबू पासवान, क्लिनिकल रजिस्ट्रार राजकीय आयुर्वेद कॉलेज एंड अस्पताल, पटना.