Patna News : पटना से दिल्ली तक छाए रंगकर्मी प्रवीण
पटना ब्यूरो। पटना के रंगकर्मी प्रवीण की याद में स्थापित प्रवीण सांस्कृतिक मंच द्वारा पिछले 13 वर्ष से लगातार रंगमंच को बढ़ावा देने का काम चल रहा है। दर्जनों नाटकों की प्रस्तुति पटना ही नहीं पूरे देश में हो चुकी है। यहां के कलाकार शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के विभिन्न मुद्दों पर नाटक प्रस्तुत कर सामाज को आईना दिखा रहे हैं। संस्था के फाउंडर विज्येन्द्र टॉक ने बताया कि समाज के लिए रंगमंच बड़ी उपलब्धि है। रंगमंच सोसाइटी के लिए ही है। पटना में कालिदास रंगालय एक ऐसा थिएटर रहा है जहां से कई कलाकार अभिनय का क, ख, ग सीख कर अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। नए भवन निर्माण की वजह से रंगमंच की प्रस्तुति अभी बंद है। लेकिन कालिदास रंगालय की तर्ज पर पटना में तीन-चार थिएटर की आवश्यता है जहां कलाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को अवेयर कर सकें।
जीवंत विधा है रंगमंच
विज्येन्द्र टॉक ने बताया Ó थियेटर या रंगमंच जीवन के विविध रंगों को मंच पर प्रस्तुत करने की जीवंत विधा है। इसमें नृत्य, संगीत, चित्र व अभिनय समेत समस्त कलाओं और विभिन्न प्रकार के कौशलों का समावेश होता है। संस्था के सभी कलाकार इन सभी गुणों से भरे हुए हैं इसलिए भीड़ से अलग इन कलाकारों की चर्चा पटना ही नहीं पूरे देश में होती है।
विज्येन्द्र टॉक ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव में प्रतिदिन प्रवीण सांस्कृतिक मंच के कलाकारों द्वारा नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पटना के कलाकारों द्वारा पहली बार पांच दिनों तक नाटकों की प्रस्तुति की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय महोत्सव में नाटक गुंडा, कुच्ची का कानून, नागरदौला, गबर घिचोर व रश्मिरथी जैसे नाटकों की प्रस्तुति पटना के कलाकर करेंगे। दिल्ली में नाटक करने का उद्देश्य
- प्रतिभावान कलाकारों की कला को प्रदर्शित करना।
- बिहार की लोक नाट्य परंपरा से दिल्ली के रंग दर्शकों व रंग प्रेमियों को अवगत कराना।
- भारत की राजधानी में बिहार के रंगकर्म का प्रतिनिधित्व करना।
-बिहार के रंगकर्म की गुणवत्ता से दिल्ली तथा दिल्ली के माध्यम से पूरे विश्व को परिचित करना।
कलाकारों तक नहीं पहुंच रहा पैसा
संस्था के कलाकार मृत्युंजय ने बताया कि प्रवीण सांस्कृति मंच एक ऐसी संस्था है जहां हर कलाकारों की कला का सम्मान मिलता है। यहां केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की तरफ से सहयोग संस्था को मिल रहा है। लेकिन पटना रंगमंच के कलाकारों की अगर बात करें तो सरकार की ओर से मिलने वाले बजट के रुपए कलाकारों तक नहीं पहुंच रहे। उन्होंने बताया कि पटना के कई कलाकार ऐसे हैं जिन्हें पटना रंगमंच से मोह भंग हो रहा है। कई कलाकर तो ऐसे हैं जो पेपर बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं।
संस्था की कलाकार रूबी खातून ने बताया कि सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान से नाट्य गु्रप लाभांवित होते हैं। जबकि गु्रप में काम करने वाले कलाकारों को नाटक के बाद दो हजार रुपए देकर चलता कर दिया जाता है। इसलिए पटना के कलाकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पलायन कर रहे हैं। रूबी ने बताया कि पटना में नाटक करना आसान नहीं है। कालिदास रंगालय टूटने के बाद एक मात्र प्रेमचंद रंगशाला है जहां रंगकर्मी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। रविन्द्र भवन व नृत्य कला मंदिर का किराया इतना ज्यादा है कि रंगकर्मी वहां नाटक नहीं करते हैं। पटना में कालिदास रंगालय की तरह कम से कम चार थिएटर मंच की आवश्यकता है।
रंगकर्मी प्रवीण की हुई थी हत्या
विज्येन्द्र टॉक ने बताया कलाकार प्रवीण एक संभावनाशील रंगकर्मी थे। जिनकी हत्या कर दी गई। इस कुकृत्य के विरोध में पटना के रंगकर्मी, कलाकार और साहित्यकर्मी एकत्र हुए। जुलूस, सभाएं व प्रदर्शन किए गए परिणाम स्वरुप हत्यारे गिरफ्तार हुए। रंगकर्मी प्रवीण को श्रद्धांजलि देने के लिए पटना के कलाकारों ने प्रवीण सांस्कृतिक मंच गठन करने का निर्णय लिया। तब से लगातार इस मंच के माध्यम से नाटकों का मंचन हो रहा है।
- मृत्युंजय प्रसाद, रंगकर्मी ग्रांट कलाकारों तक नहीं पहुंचने की वजह से कलाकार अब कम बजट में नाटक का प्रदर्शन कर रहे हैं। कलाकार नाटक के लिए ग्रामीण क्षेत्र का चयन कर रहे हैं।
- रूबी खातून, कलाकार प्रवीण सांस्कृति मंच के कलाकार स्थापना काल से दमदार प्रस्तुति दे रहे हैं। सरकार की ओर से भी सहयोग मिलता है। यहां के कलाकार दिल्ली जाकर पांच दिवसीय नाट्य उत्सव में हिस्सा लेंगे।
-विज्येन्द्र टॉक, वरिष्ठ रंगकर्मी