Bihar ka jalwa!
बिहार अपने स्टैब्लिशमेंट के सेंटेनरी इयर में है। महीनों से चल रहे हैं सेलिब्रेशन। हर सेलिब्रेशन का अपना अंदाज है। कल्चर और हिस्ट्री के साथ चर्चा हो रही है विरासत की। विरासत संजोने की और भूल चुके लोगों को याद दिलाने की। राजधानी पटना तैयार है उन चुनिंदा लोगों के साथ वन-टू-वन करने को जो बिहार से जुड़े जरूर हैं, लेकिन अर्से से बिहार से बाहर हैं। ग्लोबल बिहार सम्मिट को लेकर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चेंज की गई है.
पांच साल बाद ग्लोबल मीट
बिहार में पहला ग्लोबल मीट जनवरी 2007 में हुआ था, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम शामिल हुए थे। तब दुनिया भर के लगभग 700 पार्टिसिपेंट्स शामिल हुए थे। इस संबंध में सत्यजीत नारायण सिंह ने बताया कि ग्लोबल बिहार सम्मिट का मकसद बिहार के डेवलपमेंट से दूसरे लोगों को भी जोडऩा है। इसमें बिहार के ओवरऑल ग्रोथ पर चर्चा होगी और इसमें शामिल होने वाले लोग इसके बारे में बताएंगे।
चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर
ग्लोबल बिहार सम्मिट को देखते हुए स्टेट गवर्नमेंट की ओर से हाई लेवल सिक्योरिटी के अरेजमेंट किए गए हैं। इस कार्यक्रम में देश और विदेश की जानी मानी हस्तियों के साथ ही नेपाल के प्राइम मिनिस्टर डा बाबूराम भट्टाराई भी मौजूद रहेंगे। किसी भी प्रकार की अनिष्ट की आशंका को देखते हुए शहर के आसपास के एरियाज के साथ ही उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी का आलम यह है कि नेपाली पीएम तक जो बुके पहुंचेगा उसकी भी सघन जांच होगी। पटना डीएम संजय कुमार सिंह ने एयरपोर्ट से लेकर एसके मेमोरियल हाल तक सभी सड़कों की सघन जांच का निर्देश दिया है।
Day 1 (17 February)
ग्लोबल बिहार सम्मिट के पहले दिन फिल्म स्क्रीनिंग, लिटरेरी रीडिंग्स के साथ प्रेजेंटेशन होंगे। पहले दिन के प्रोग्राम में नेपाल के पीएम डॉ। बाबूराम भट्टराय, सीएम नीतीश कुमार, प्लानिंग कमीशन के डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया और कई दूसरे नामी गिरामी नाम शामिल होंगे।
Day 2 (18 February)
ग्लोबल बिहार सम्मिट का दूसरा दिन अर्बन डेवलपमेंट, एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ, वीमेंस डेवलपमेंट आदि इश्यूज चर्चा होगी। इस दिन लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रो लार्ड मेघनाद देसाई, आदित्य बिरला ग्रुप के कुमार मंगलम बिरला शामिल हो रहे हैं.
Day 3 (19 February)
ग्लोबल बिहार सम्मिट के आखिरी दिन सोशियो-कल्चरल, रिसर्च फॉर डेवलपमेंट के साथ इंस्टीच्युशन को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी। इस दौरान एशियन कंट्रीज के कई बड़े नाम शामिल होंगे जो पुराने बिहार और उनके कंटेंपररी कल्चर, फिलोसॉफ और रिलीजन पर चर्चा करेंगे।