PATNA NEWS सारकोमा के लक्षण जितनी जल्दी पकड़ में आएं, इलाज उतना ही प्रभावी
पटना ब्यूरो। सारकोमा हड्डियों, मांसपेशियों और शरीर के अन्य कोमल ऊतकों में विकसित होने वाला एक प्रकार का कैंसर है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों और युवा वयस्कों में अधिक आम है। जितनी जल्दी इसका पता चलता है, इलाज उतना ही प्रभावी होता है और रोगी के स्वस्थ होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। विश्व सारकोमा माह के मौके पर वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। अभिषेक आनंद ने लोगों को कैंसर के इस रूप को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि शरीर पर गांठ या सूजन, थकान, वजन कम होना, बुखार, रात में पसीना आना, हड्डियों में दर्द या कमजोरी जैसे लक्षण का अनुभव कर रहे हैं तो ये सारकोमा के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
डॉ। अभिषेक ने बताया कि जहां तक इसके इलाज का सवाल है, सारकोमा के उपचार के लिए सर्जरी, रेडिएशन चिकित्सा, कीमोथेरेपी और टारगेट थेरेपी सहित कई विकल्प मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि सारकोमा जागरूकता माह न केवल इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर है, बल्कि यह सारकोमा के रोगियों और उनके परिवारों को भी एक संबल देने का महत्वपूर्ण समय है। डॉ। आनंद ने लोगों से अपील की कि इस मौके पर सारकोमा के लक्षणों के बारे में खुद को और अपने प्रियजनों को शिक्षित करें। किसी भी असामान्य लक्षण का अनुभव होने पर डॉक्टर से परामर्श करने में संकोच न करें और सारकोमा से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करें।