Sports News: यूरोपियन देशों का मशहूर खेल सिखेंगे बिहारी बच्चे
पटना ब्यूरो। ओलंपिक खेलों में अब बिहार के बच्चे भी अपना हुनर दिखा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने खास तैयारी की है। पटना के पाटलीपुत्र स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स में स्पोटर्स क्लाइम्बिंग वॉल तैयार की है। प्रदेश सरकार का मानना है कि बिहारी युवाओं की मांसपेशी और शारीरिक क्षमता ज्यादा प्रभावी होती है। पर्वतों में चढ़ने उतरने का हुनर शहरी बच्चों की अपेक्षा ग्रामीण बच्चों में ज्यादा होता है। इस कारण अब भारत सरकार ने क्लाइंबिंग वॉल खेल में बच्चों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में पटना में प्रदेश सरकार ने करीब 30 फीट ऊंचाई वाला स्पोटर्स क्लाइम्बिंग वॉल का निर्माण कराया है।
यूरोपियन देशों में खेल बहुत मशहूर
यूरोपियन देशों में क्लाइंबिंग वॉल का खेल बहुत मशहूर है। ओलंपिक खेल के दौरान इन्हीं देशों का डंका विश्व में बजता है। जिस कारण अब भारत में भी इसकी तैयारियां जोरों पर है। प्रदेश सरकार ने शहरी के साथ ग्रामीण व आदीवासी बच्चों को इस खेल से जोड़ने की रणनीति भी तैयार की है।
सर्व सुविधा युक्त राज्य की पहली इकाई
डीजी स्पोटर्स रविंद्रन शंकरण बताते हैं कि पटना में बनाई गई यह बिहार की पहली सर्व सुविधा युक्त इकाई है जो इतने बड़े पैमाने पर बनाई गई है। यहां खिलाड़ी और दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था है। स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स परिसर में ठहरने और भोजन की व्यवस्था है। आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए यह खेल की सुविधा बिल्कुल निःशुल्क होगी.बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि स्पोर्ट क्लाइम्बिंग को आर्टिफ़िशियल रॉक क्लाइम्बिंग भी कहा जाता है। क्लाइम्बिंग वॉल बिहार का पहला है जो राष्ट्रीय स्तर का है। इसकी ऊंचाई 30 फीट है। पहले दिन ही 53 युवा प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण कराया। जैसे जैसे यहां इसकी प्रतियोगिताएं होंगीं लोगों में जागरुकता बढ़ने के साथ इस खेल के प्रति अभिरुचि भी बढ़ेगी। स्पोर्ट क्लाइम्बिंग ओलंपिक का एक मान्य खेल है और सरकार बहुत जल्द राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट क्लाइम्बिंग वॉल बनने जा रहा जिस पर खिलाड़ी ओलंपिक स्तर का प्रशिक्षण ले सकेंगे।
ओलंपिक में अभी बहुत पीछे है भारत
स्पोटर्स क्लाइंबिंग वॉल का हुनर सिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर की देखरेख में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया कि अभी इस खेल में भारत की स्थिति बहुत खराब है। 2023 के ओलंपिक खेल में अभी हमारी पोजिशन हाईजेस्ट 31वें नंबर पर रही है। मणिपुर के रहने वाले चिरंवई मावबाम ने इस खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपिक में जापान, चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, कोरिया, फ्रांस, ईरान और रसिया का दबदबा रहता है।
युवाओं को सेना की भर्ती में इस खेल का सीधा फायदा मिलेगा। इसके अलावा पर्वतारोही और रेस्क्यू के गुर सीखने में भी मदद मिलेगी। सेना के मद्रास रेजीमेंट और गढ़वाल रेजीमेंट की भर्ती में इस प्रकार के खेल को ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसके अलावा ओलंपिक में भी इसका फायदा मिलेगा।