लोन चुकता नहीं होने से बिजनेस खतरे में
- रीजनल डायरेक्टर ने कहा एमएसएमई में सबसे बड़ी समस्या है एनपीए
- एनपीए मामले में बिहार के लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी नहीं है उचितPATAN : बिहार में एनपीए यहां के बैंकों के लिए जितना अधिक प्राब्लम क्रिएट करता है उससे कहीं अधिक बिजनेसमैन के वजूद का सवाल भी बन जाता है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए एनपीए के संबंध में यूनिर्फाम पॉलिसी उचित नहीं है। ये बातें बीआईए के वाइस प्रेसिडेंट नीसीथ जायसवाल ने कहा। वे बीआईए और आरबीआई की ओर से एनपीए एंड ओटीएस मैनेजमेंट एंड रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ लोन सब्जेक्ट पर आयोजित अवेयरनेस कम ट्रेनिंग प्रोग्राम में बोल रहे थे। बीआईए हॉल में आयोजित इस प्रोग्राम में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां दूसरे राज्यों की तुलना में एटेप्रेन्योर को अधिक खर्च वहन करना पड़ता है। जबकि इससे आए में बहुत अधिक समय लगता है। ऐसे में उसे बैंक एनपीए घोषित कर देता है।
90 दिन का एनपीए है मुसीबतएनपीए यानि नॉन प्राफिटेबल एसेट बिहार में एंटेप्रेन्योरशिप के राह में एक बड़ा रोड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक बिहार में भ्00 करोड से अधिक एनपीए है। यहां बिजनेस भले ही कम हो लेकिन एनपीए ज्यादा है। अगर यहां 90 दिन में एंटेप्रेन्योर या बिजनेसमैन बैंक को पैसा नहीं चुका पाता है तो वह एनपीए में आ जाता है यह बातें नीसीथ जायसवाल ने कही। इससे पहले प्रोग्राम का शुभारंभ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के रीजनल डायरेक्टर एमके वर्मा ने किया। उन्होंने की नोट एड्रेस में कहा कि देश भर में एमएसएमई से करीब क्भ् करोड रुपए की इम्पलाइमेंट जेनरेट होती है। इसमें ग्रोथ की बहुत क्षमता है, लेकिन अफसोस की बात है कि इसमें बड़ी संख्या में एंटेप्रेन्योर फेल हो जाते हैं और एनपीए हो जाता है। इस बाबत अर्ली वार्निग सिंड्रोम और एसएमए अकाउंट पर विशेष ध्यान देकर इसकी नौबत को टाला जा सकता है।
अवेयरनेस नहीं होने से लोन बढ़ारीजनल मैनेजर एम के वर्मा ने वन टाइम सेटेलमेंट के मुद्दे पर भी गंभीर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरबीआई की गाइडलाइन है कि लोन प्रपोजल में बैंक देर न करे। इसे इनस्योर करने के लिए क्रेडिट प्रपोजल ट्रैकिंग सिस्टम है। लोन लेने वाले को बैंक की ओर से वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के बारे में प्रॉपर जानकारी नहीं होती है। यही वजह है कि लोन रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ लोन लेने वाले को नहीं मिल पाता। अवेयरनेस प्रोग्राम में लोन प्राप्त करने वाले, एमएसएमई सेक्टर से जुड़े 70 पार्टिसिपेंट्स मौजूद थे। बीआई की ओर से सुबोध कुमार, संजय गोयनका, आरबीआई के जीएम अमरेश रंजन, डीजीएम ब्रिज राज व अन्य ऑफिसियल्स मौजूद थे।