आत्महत्या को रोकने के लिए साल 2017 में शुरू की मुहिमप्रतिदिन तीन लोगों की करते हैं काउंसलिंग

पटना ब्‍यूरो। हर दिन सुसाइड की खबरें मन को विचलित कर दे रही हैं। सुबह उठते, रात सोते हर घंटे एक-दो आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल ही जाती है। इन आत्महत्याओं के दोष किसके सिर मढ़ा जाए ये समझ से परे है। बहुत हीं अधिक वेदना होती है ऐसी खबरों को सुनकर। इसे रोकने के लिए शहर के एक युवा पिछले कई सालों से लोगों को काउंसलिंग कर जान बचा रहा है। उनकी बात इतनी प्रभावशाली रही की लोग आत्महत्या की निर्णय छोड़ खुशी की जिंदगी जीने की राह पकड़ चुके हैं। विश्व आत्म हत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ऐसे शानदार व्यक्तित्व के धनी अनुराग दांगी से बातचीत की पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

-हर दिन करता हूं तीन लोगों का काउंसलिंग

अनुराग ने बताया कि व्यक्तिगत समस्याओं से पीडि़त लोग जीवन लीला खत्म करने का निर्णय लेते हैं। जिसके से कई लोग फोन कर अपनी जानकारी देते हैं। ऐसे लोगों को काउंसलिंग कर जान बचाता हूं। उन्होंने बताया कि 2017 से एक मुहिम चलाना शुरू किए। आत्म हत्या करने की प्रयास करने वालों को चिन्हित कर उन्हें काउंसलिंग कर जीवन जीने की प्रेरणा देकर छोटी प्रयास शुरू किए। जिसके बाद प्रतिदिन दर्जनों फोन और मैसेज आना शुरू हुआ। अपना निजी कार्य से समय निकालकर प्रतिदिन तीन से चार लोगों का काउंसलिंग करता हूं।

-49 लोगों को बचा चुका हूं जान
अनुराग ने बताया कि जीवन में कई तरह की समस्या लोगों को होता है। ऐसे दर्जनों कॉल आते हैं। जो गंभीर मामले लगते हैं ऐसे तीन चार कॉल प्रतिदिन अटेंड करता हूं। उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक आत्म हत्या की प्रयास करने वाले 49 लोगों की जिंदगी बचाया हूं.जो आत खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे दर्जनों मामले हैं जो आत्म हत्या के बारे में सोच रहे हैं मगर काउंसलिंग के बाद अपने जीवन में बहुत अधिक कामयाब हुए हैं। कुछ लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं तो तो कुछ लोग बिजनेस कर दर्जनों लोगों को रोजगार दिए हैं। अनुराग बताते हैं काउंसलिंग के बाद ज्यादातर लोग अपने फैसले को बदल कर अपने जीवन को फिर से नए जोश और उमंग के साथ जीना शुरू कर देते हैं। आज बहुत जरूरी हो गया है कि इंसान अपने जीवन के मूल्य को समझे और आत्महत्या जैसे घिनौने विचार का त्याग करें ।

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केस वन
काउंसलिंग ने मेरी जि़न्दगी को पूरी तरह से बदल दिया। इससे पहले, मैं अक्सर चैलेंज से परेशान होकर हार मान कर जीवन से हार गया था। अनुराग दांगी से जब फोन पर बात हुई जीवन को नई शुरूआत करने का मन हुआ। और आत्म हत्या को मन से निकाल दिए।

अमित आंचल,
केस2


काउंसलिंग से गाइडेंस मिली। लाइफ के मौजूदा चैलेंज को पार करने की रास्ता मिला। एयर होस्टेस बनने की मेरे सपने को पूरा करने में काउंसलिंग से प्रेरणा मिली। काफी आत्म विश्वास हासिल किया। अपने गोल को फोकस कर मेहनत करने लगी। फिर लगातार सफलता ही मिलता रहा है। आत्म हत्या का विचार मन निकाल दी।
-प्रीति


केस 3
जब काउंसलिंग के लिए अनुराग जी मिले उस समय मेरी जि़न्दगी बहुत कठिन दौर से गुजर रही थी। घर की हालत भी ठीक नहीं थी और बचपन से मेरा सपना आर्मी जॉइन करने का था, लेकिन वो सपना टूट गया। उस समय मैं अंदर से बिल्कुल टूट चुका था, और कई बार ऐसा महसूस होता था कि मुझे सब कुछ छोड़ देना चाहिए। लेकिन आपकी काउंसलिंग ने जीवन को बदल दिया। पढ़ाई करने लगे। आज सफल इंसान में गिनती होता है।
-पंकज

Posted By: Inextlive