डेड बॉडी का गढ़ बना सैदपुर नाला, बोरे में मिली अज्ञात युवक का शव
पटना ब्यूरो। बहादुरपुर थाना क्षेत्र के रामपुर नहर से शनिवार को बोरा में लपेटा अज्ञात युवक का शव पुलिस ने बरामद किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कालेज भेजा। थानाध्यक्ष पुर्णेंदु कुमार ने बताया कि साहगंज रामपुर नहर रोड नाला में बोरा में लिपटा एक शव होने की सूचना नागरिकों से मिली। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने लगभग 35 वर्षीय अज्ञात युवक का शव बोरा में लपेटा हुआ बरामद किया। हालांकि शव की पहचान नहीं हो सकी है। यह पहली बार नहीं है कि इस नाले से शव बरामद हुई। 15 दिन पहले भी नाले में अज्ञात शव मिला था जिसकी शिनाख्त अबतक नहीं हो सकी।
अबतक मिल चुकी है 15 बॉडी
स्थानीय निवासी रीतेश कुमार की मानें तो यह पहली बार नहीं हैं। इस नाले का निर्माण कार्य वर्ष 2023 सितंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। तब से लेकर अबतक इस नाले में करीब 15 डेड बॉडी मिल चुकी है। एक तरह से कह सकते हैं कि यह नाला अपराधियों के लिए शव को ठिकाने लगाने का सेफ जोन बन गया है। अन्यत्र वारदात को अंजाम देकर बॉडी को नाले में फेंक देते हैं जो बहकर यहां पहुंच जाती है। यहीं वजह है कि अबतक कई बॉडी की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
हादसाें और बदइंतजामी का गवाह बन चुके नाले में कई लोग गिरकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इसकी मुख्य वजह छोटी और टूटी-फूटी बाउंड्री। हर दिन हादसा होता रहता है। कभी नाले में बच्चा गिर जाता है, तो कभी जानवर। नाले की दीवार कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मिट्टी की लगातार कटान होने से सड़क संकरी हो गई है। जगह—जगह सड़क के धंस जाने से आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है। खासकर दो पहिया व चारपहिया वाहन वालों को। भूमिपूजन के साथ ही हुई थी युवक की मौत
करीब 260 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क बनाने के साथ नाले का जीर्णोद्धार के लिए हुए भूमिपूजन के चार माह भी नहीं हुए थे कि 4 जनवरी को शनिचारा पुल के पास सुल्तानगंज थाने के अंबेडकर कॉलोनी के 35 वर्षीय किरन राम के पुत्र रवि की डूबने से मौत हो गई थी। इतना ही नहीं सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के दरगाह रोड निवासी 32 वर्षीय नेयाज उर्फ सोनू साजिद गिर गया था जिसका शव दो दिन बाद बरामद हुआ था। इस पांच महीने में करीब
30 पुलियां हैं इस नाले पर
सैदपुर से पटना सिटी होते बाइपास के पहाड़ी तक जाने वाले इस लंबे नाले की दोनों तरफ की 259.81 करोड़ की लागत से सैदपुर से पहाड़ी तक 6.3 किमी लंबी सड़क बनेगी। रामपुर नहर के दक्षिणी इलाके से लेकर न्यू अजीमाबाद कॉलोनी तक बांस-बल्ले से घेराबंदी की गई है। इसके साथ ही कई जगहों पर मिट्टी की दीवार बनाई गई है। नाले पर लगभग 30 पुलियां है। उनमें आधे से अधिक जर्जर हैं। इससे नाले को पार करते समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
परेशानी इतनी ही नहीं है। नाले की उड़ाही में लापरवाही की वजह से बारिश में गंदा पानी ओवरफ्लो कर सड़क पर आ जाता है। ऐसे में पता नहीं चलता कि नाला कहां है और सड़क कहां। इससे रामपुर, नंदनगर, मुसल्लहपुर, संदलपुर कॉलोनी, खजुरबन्ना, बकरी मंडी, अजीमाबाद, शनिचरा मंदिर सहित दो दर्जन कॉलोनियों में रहने वाले चार लाख लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
बरसात में मौत का कुआं बन जाता है नाला
करीब चार किलोमीटर लंबे सैदपुर नाले के दोनों तरफ घनी आबादी बसी हुई है। नाले के दोनों ओर की सड़कें जर्जर हो गई हैं। बरसात के मौसम में सड़क और नाले का अंतर मिट जाता है। ऐसे में यह नाला मौत का कुआं बन जाता है। कई बार वाहनों के साथ लोग नाले में गिर गए हैं। घनी आबादी के बीच से गुजरे इस नाले से काफी ज्यादा जलनिकासी होती है। खुले होने की वजह से लाखों लोग गंदगी, बदबू और संक्रमण से परेशान रहते हैं। आसपास मच्छरों का प्रकोप भी काफी ज्यादा रहता है।
पटना के नौ ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के पानी का बहाव सैदपुर नाले से होता है। पाटलीपुत्र नगर विकास समिति के रीतेश कुमार का कहना है कि निर्माण कार्य जिस तरह से चल रहा है तो पटना को एक बार फिर 2019 की पुनरावृत्ति होने की पूरी उम्मीद है। पहाड़ी की ओर से निर्माण कार्य होने से पानी का बहाव स्थिर हो गया है। ऐसे में पानी नाले के उपरी छोड़ तक आ गया है। ऐसे में जहां अप्रिय घटना का डर बना रहता है। वहीं बारिश होने के कारण पानी का जमना तय है। निकासी नहीं होने के कारण पटना का यह निचली इलाका पूरी तरह से डूब सकता है।
वर्जन
35 वर्षीय अज्ञात युवक का शव बोरा में लपेटा हुआ बरामद किया। शव की पहचान नहीं हो सकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत की वजह का पता चल सकेगा। पुलिस छानबीन कर रही है।
शरथ आरएस, डीएसपी