पटना का पाल होटल आम तौर जक्शन आने जाने वाले लोगों की नजर इस होटल पर जरूर पड़ जाती थी. लेकिन यह आज ग्रिन पर्दा से ढका हुआ है. पूरी बिल्डिंग पर उस दिन के अग्नि कांड का काली स्याह अब भी है.

पटना ब्‍यूरो।

यहां तकरीबन होटल में बेटर के अलावा कुक मैन मिलाकर एक दर्जन के करीब लोग काम करते थे। किसी को भी नहीं पता कि कौन कहां है। जिन लोगों ने इस अग्नि कांड को टीवी पर देखा और अखबारों में पढ़ा। वे जरूर आते जाते एक बार सरासरी निगाह इसपर डाल लेते हैं। इस भीषण और दिल दहला देने वाले हादसे में छह लोगों की तो उसी दिन डेथ हो गई थी। वहीं दो लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया था। मामले में होटल संचालकों की लापरवाही सामने आई थी। लेकिन पुलिस की कार्रवाई अभी तक नाकाफी है।

कहा तक पहुंची है पुलिस की जांच

इस मामले में पटना के सीओ रजनीकांत ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने होटल के भवन निर्माण में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए कहा था कि होटल से बाहर आने और अंदर जाने का मात्र एक ही रास्ता है। वह भी बेहद संकरी है। जो कि कॉम्र्सियल मानक के अनुरूप नहीं कहा जा सकता है। भवन से निकास के लिए कोई ऑप्शनल रास्ता भी नहीं था। अगर निकास के लिए कोई अलग से विकल्प होता तब लोगों को आग से बचाई जा सकती थी। इतने लोग की डेथ भी नहीं होती है। जो कि पटना के अग्निकांड इतिहास के लिहाज से एक बड़ी त्रासदी भी साबित हुई है। केस दर्ज होने के बाद होटल संचालक और सभी कर्मी फरार हो गए थे।

अभी तक की जांच में पुलिस को क्या हुआ हासिल

इस मामले का केस कोतवाली थाना में दर्ज हुआ था। केस के आई ओ शकिल अहमद ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पाल होटल के मालिक और अमृत होटल के मालिक की पहचान कर ली गई है। केस आई ओ ने बताया कि पाल होटल के मालिक नीरज गांधी और अमृत होटल के संचालक जगजीत सिंह के ठिकानों पर पुलिस छापेमारी कर रही है। दोनों फरार हो गए हैं। पुलिस इनके खिलाफ जल्द ही कोर्ट में कुर्की वारंट के लिए प्रे करेगी। इसके अलावा जो अज्ञात अभियुक्त हैं। उनकी पहचान की भी कोशिश की जा रही है।

घटना के 26 दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल

इस मामले की अधिक संवेदनशीलता के बाद भी पुलिस के रवैया से प्रदर्शित होता है कि इसे ठंडा बस्ता में डाल दिया गया है। घटना के 26 दिन बीतने को है। लेकिन इसके जिम्मेबारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। अगर आरोपी फरार हैं। तब इतने दिनों में कुर्की वारंट कोर्ट से हासिल करके सरेंडर या गिरफ्तारी के लिए और अधिक दवाब बना सकती थी।

क्या कहते हैं सीओ

इस मामले में सीओ पटना रजनीकांत की ओर से केस दर्ज कराया गया था। सीओ ने बताया कि अब जो भी करना है। पुलिस को ही करना है। हमने अपने जांच के बाद तमाम घटना के जो भी कारण रहे थे। उसे मेंशन करते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। लेकिन अब पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। तो हम क्या कर सकते हैं। चुनाव बाद इस मामले को एसडीओ साहेब के माध्यम से उठायेंगे। चुनावी व्यवस्ता की वजह से पुलिस से संपर्क नहीं हो पा रही है। इसलिए केस का कोई अपडेट नहीं मिल पा रहा है।

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

हमने होटल मालिकों की पहचान कर ली है। उनके ठिकानों पर कई बार छापेमारी की गई है। लेकिन वे फरार चल रहे हैं। कोर्ट मेें जल्द ही कुर्की वारंट के लिए प्रार्थना किया जायेगा।
राजन कुमार
कोतवाली थानाध्यक्ष

Posted By: Inextlive