नियमों के 'भंवर' में फंसा छात्र संघ चुनाव
पीयू में लिंगदोह कमेटी की बातें हो रहीं दरकिनार
हाईकोर्ट में पीआइएल दायर कर दी गई चुनाव को चुनौती PATNA : पटना यूनिवर्सिटी का छात्र संघ चुनाव नियमों के भंवर में फंस गया है। चुनाव में लिंगदोह कमेटी की अनुसंशा को दरकिनार को लेकर पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है। पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अंसुमन और छात्र राजद के पूर्व अध्यक्ष उमर फारूख ने इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। यह याचिका स्वीकार कर ली गई है। याचिका सवाल उठाया गया है कि पटना यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घोषित किया है कि चुनाव लिंगदोह कमेटी की अनुसंशा के आधार पर कराया जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसमें कई ऐसे मुद्दे उठाये गए हैं, जो कि इसके विरूद्ध है। जबकि सभी रूल रेग्यूलेशन इसी के आधार पर हैं।छात्र संघ चुनाव पर ये सवाल उठाए गए
-चुनाव के समय परीक्षा नहीं होनी चाहिए जबकि चुनाव परीक्षा के दौरान हो रही है। -यदि परीक्षा है तो चुनाव के कारण इसकी तारीख बदल कर पढ़ाई का माहौल प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए। जबकि पीयू में एलएलबी थर्ड सेमेस्टर की डेट चेंज की गई है।-इस बात की संावना बनती है कि प्रत्याशी एक से अधिक बार मैट्रिक या इंटर की परीक्षा दिए हों, ताकि उम्र को कम किया जा सके या बदला जा सके। लेकिन इस मामले की जांच नहीं की गई है।
-पटना यूनिवर्सिटी एक आवासीय विश्वविद्यालय है। इसलिए यहां साी छात्रों को हॉस्टल आवंटित होना चाहिए। लेकिन यहां मिंटो, जैक्शन सहित अन्य हॉस्टल छात्रों को आवंटित नहीं किया गया है। सैदपुर हॉस्टल भी खाली है। कुछ अवैध कजे में है। यह नियम के ािलाफ है। 17 फरवरी को मतदान -19, 786 वोटर हैं इस बार छात्र संघ चुनाव में -पटना विश्वविद्यालय में सेंट्रल पैनल के लिए अध्यक्ष सहित पांच पदों पर होना है चुनाव -सेंट्रल पैनल के सभी पदों पर होगा प्रत्यक्ष मतदान -पीयू के अंतर्गत सभी कॉलेजों में कॉलेज प्रतिनिधि के पद पर भी होना है चुनाव -सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के छात्र संघ सहित अन्य संघ भी चुनाव में कर रहे हैं पार्टिसिपेट पटना यूनिवर्सिटी में चुनाव गलत है। यह बात लिंगदोह कमेटी को आधार राकर कही जा सकती है। यह छात्रों के साथ अन्याय है और छात्र संघ चुनाव के नियमों की अनदेखी भी है। अंसुमन, पूर्व उपाध्यक्ष पूसू