Patna Police News: अब बिहार में भी वाट्सअप, फोन कॉल और ई-मेल से करा सकेंगे FIR
पटना ब्यूरो। Patna Police News: डिजिटल पुलिसिंग की ओर बढ़ते कदम के बीच नए आपराधिक कानून क्रमश: भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की जानकारियों को लेकर ट्रेनिंग सेशन रखी गई है। एक महीने के प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत बिहार डीजीपी आरएस भट्ठी के संबोधन के साथ पटना के ज्ञान भवन में सोमवार से हुआ। बता दें कि एक जुलाई से देश मे नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं। इसे लेकर बिहार पुलिस को भी वृहद स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गंभीर घटनाओं में डिजिटल साक्ष्य संकलन पर जोर
इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में क्राइम का दायरा भी काफी बढ़ गया है। जिसके बार्र्द िडजिटल पुलिसिंग की जरूरत महसूस की जा रही थी। बिहार पुलिस अब इस ओर तेजी से कदम बढ़ाना चाहती है। गंभीर घटनाओं के घटित होने के बाद डिजिटल साक्ष्य संकलन को लेकर भी पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें घटनास्थल की मानक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ टेक्निकल एविडेंस को कलेक्ट करना शामिल है।
एविडेंस के लिए सोर्स इंवेस्टिगेशन टूल्स का यूज
पुलिस इंटरनेट पर उपलब्ध साक्ष्य के लिए ओपन सोर्स इंवेस्टिेशन टूल्स का प्रयोग करेगी। जिसका ट्रेनिंग भी इस मौजूदा सेशन में दिया जाएगा। डिजिटल पुलिसिंग के तहत क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम व इंटर ऑपरेवल क्रिमनल जस्टिस सिस्टम के बारे में भी इस ट्रेनिंग सेशल में पुलिस अधिकारियों को बताया जाएगा। जिसके बाद सभी पदाधिकारी विधि विज्ञान प्रयोगशाला, न्यायलय, जेल आदि से ऑनलाइन मोड में जुड़कर काम कर सकेंगे। सीसीटीएनएस व आइसीजेएस से नागरिकों को भी क्राइम व पुलिसिंग के मामले में ऑनलाइन सुविधाएं मिलनी शुरू हो जायेगी।
एनी टाइम एनी व्हेर पुलिसिंग में नागरिकों को इस साल के अंत तक मिलेगी ये ऑनलाइन फैसलिटीज
1. संबंधित पुलिस स्टेशन में फोन, वाट्सएप व ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है
2. अपनी शिकायत की स्थिति और उस पर कार्रवाई के बारे में ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
3. एफआईआर की प्रति प्राप्त ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
4. गिरफ्तार व्यक्तियों/अपराधियों की जानकारी प्राप्त करना, लापता एवं अपहरण व्यक्तियों की जानकारी आनलाइन प्राप्त की जा सकती है।
5. चोरी अथवा बरामद किए गए वाहन और संपत्तियों का विवरण भी ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
6. विभिन्न प्रकार के क्रहृह्रष्टह्य के क्रढ्ढह्यह्यह्वद्ग/ह्म्द्गठ्ठद्ग2 के लिए अनुरोध करना
7. नौकरों, पासपोर्ट, वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण आदि के लिए अनुरोध करना
8. पीडि़त/शिकायतकर्ता अपराध स्थल के परे कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने के तीन दिनों के अन्दर संबंधित थानें में आकर शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा।
ट्रेनिंग सेशन की शुरुआत करते हुए डीजीपी आरएस भट्ठी ने कहा कि बिहार पुलिस अब तेजी से डिजिटल पुलिसिंग की ओर अपना कदम बढ़ा रही है। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर भी हमारा फोकस है। जिसमें महिलाओं को न्याय दिलाने काम महिला अधिकारियों द्वारा ही किया जायेगा। उनकी शिकायतें दर्ज करने से लेकर अनुसंधान तक की जिम्मेदारी भी महिला अधिकारी ही संभालेंगी।