पद और प्रतिष्ठा इंसान की फितरत रही है. पहले लोगों की चाहत पैसा को लेकर होती है. जिसके लिए वे किसी पद को हासिल करना चाहते हैं. जब उन्हें पद मिल जाती है तब पैसा भी आ जाता है. लेकिन यहीं पैसा उनके सोहरत की अंधी दौड़ में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है.

पटना ब्‍यूरो।

फिर आप इसकी नुमाइश करना जरूरी समझते हैं। आप क्या हैं इससे ज्यादा जरूरी यह हो जाता है कि सामने वाले को यह पता होना चाहिए कि आप क्या हैं। ऐसे में लोग अपने पद के बारे में बताने के लिए अपने वाहनों पर पद नाम की नुमाइश जरूरी समझने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला बीपीएससी शिक्षक का एक वायरल वीडियो और फोटो को लेकर हो रही है। एक शिक्षक ने अपनी बाइक पर बीपीएससी शिक्षक लिखा दिया। किसी ने उनकी बाइक की फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया और यह देखते-देखते वायरल हो गया। अभी तक लोग अपने बाइक पर शिक्षक लिख कर सामान्य तौर पर चलते थे। लेकिन हाल में बीपीएससी के थ्रु गए शिक्षकों में इस बात की होड़ रहती है कि वे बाकी के शिक्षकों से अधिक विशिष्ठ स्थान रखते हैं। लेकिन इससे एक बात और साफ तौर पर जाहिर होता है कि इससे कहीं न कहीं मोटर व्हीकल अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। यह मामला केवल बीपीएससी शिक्षकों से जुड़े हालिया मामले को लेकर ही केवल नहीं है। पुलिस से लेकर आर्मी और अन्य विभागों में काम कर रहे लोग भी अपने वाहनों पर अपने पद के बारे में उल्लेख करना गौरव की बात समझते हैं। लेकिन इसके लिए मोटर व्हीकल अधिनियम में न केवल उन पर फाइन हो सकता है। बल्कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। बीपीएससी शिक्षक के बारे में ताजा अपडेट यह है कि उन्हें इसके लिए विभाग की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया है। उनपर विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है। शिक्षक राजकुमार को बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत डीपीओ ने निलंबित कर दिया है।

क्या कहता है कानून

मोटर व्हीकल अधिनियम 1989 के अनुसार कोई भी व्यक्ति गाड़ी के नंबर प्लेट या अन्य स्थान पर किसी तरह का स्टीकर या लेवल नहीं चिपका सकते हैं। यह अपराध की श्रेणी में आयेगा और इसके लिए भी आपका चलान कट सकता है। मोटल व्हीकल अधिनियम 1989 में नंबर प्लेट और लेवल या स्टीकर चिपकाने को लेकर विस्तार से बताया गया है। वहीं मोटर व्हीकल अधिनियम 192 के अनुसार अगर आप नंबर प्लेट पर स्टीकर या लेवल चिपकाते हैं। तब आप पर पांच हजार रुपये तक फाइन किया जा सकता है। गाड़ी के सीसे या अन्य बॉडी पार्ट पर स्टीकर या लेवल की बात करें तो इसके लिए मोटर व्हीकल अधिनियम 1988 के सेक्शन 179 के तहत चलान जारी किया जाता है। यदि वाहन चालक सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं तो फिर उनका फाइन किया जा सकता है। इस सेक्शन के तहत पहले 500 रुपये तक का जुर्माना किया जाता था। लेकिन मोटर व्हीकल अधिनियम 1919 के तहत इसे 2000 रुपये कर दिया गया है।

Posted By: Inextlive