-फायर सेफ्टी के लिए सभी स्टेक होल्डर्स एसओपी का पालन करें -फायर सेफ्टी को लेकर डीएम ने दिया विशेष दिशा निर्देश -डीएम के चार महीने पहले आदेश के बाद भी फायर सेफ्टी की उड़ रही धज्जियां -बाजार और व्यवसायिक प्रतिष्ठान फायर सेफ्टी नॉमर्स का नहीं करते पालन -बिना फायर एनओसी के भी चल रहे हैं कई प्रतिष्ठान जिला अग्निशाम पदाधिकारी के अनुसार - -पटना जिला में अग्निशमन विभाग की 98 गाडियाँ क्रियाशील है -जिसमें 36 गाडिय़ाँ 400 लीटर तथा 44 गाडिय़ाँ 5000 लीटर से अधिक क्षमता की हैं; -5 हाइड्रॉलिक प्लेटफ़ॉर्म -2 फोम टेंडर तथा 13 वाटर वाउजऱ है. -जिला में 10 फायर स्टेशन है जिसमें 06 शहरी क्षेत्रों में तथा 04 ग्रामीण क्षेत्रों में है. -10 अनुमडण्ल स्तरीय अग्निशामालय पदाधिकारी कार्यरत हैं.

पटना ब्‍यूरो।

फायर सेफ्टी को लेकर जरूरी नॉमर्स को लेकर हर बार जिला प्रशासन की ओर से निर्देश दिए जाते हैं। इसके बाद भी इसका पालन नहीं होता है। विशेषकर होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में इसे बिलकुल भी फॉलो नहीं किया जा रहा है। इस मामले में जिला प्रशासन केवल लोगों को सलाह और सजेशन देते तक सीमित हो गई है। स्टेशन के आसपास कई टी स्टॉल से लकर छोटे बड़े होटल इस मामले में प्रोसिजर को पालन नहीं करते हैं। बहुत सारे ऐसे रेस्टोरेंट भी है जिन्हें केवल रेस्ट हाउस के लिए ही परमिशन मिला है। लेकिन वे उसमें किचन भी चला रहे हैं।

स्टेकहोल्डर्स स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को फॉलो करें

फायर सेफ्टी के लिए जरूरी है कि सभी स्टेकहोल्डर्स स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी को फॉलो करें। इस मामले में समय-समय पर जिला प्रशासन प्रिंट व इलेक्ट्रनिक माध्यमों से लोगों को जागरूक करते रहती है। पटना के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि अग्नि की विभीषिका से बचाव हेतु सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, एसओपी) का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है।

गैस सिलेण्डर की आग से सुरक्षा एवं बचाव

आग लगने के सबसे बड़े कारणों में से एक कारण गैस सिलेण्डर भी रही है। हाल फिलहाल गैस सिलेण्डर विस्फोट से आग लगने की पटना में कई घटनाएं सामने आई हैं। तो गैस का इस्तेमाल करते समय क्या करें और क्या न करें इस पर जरूर ध्यान दें।

क्या करें

। गैस सिलेण्डर हमेशा खड़े रखें।
। गैस स्टोव को गैस सिलेण्डर के स्तर से सदैव ऊँचे प्लेटफॉर्म पर रखें।
। जलते हुए चुल्हे को पहले रेगुलेटर से उसके बाद स्टोव वाल्व से बंद करें।
। रेगुलेटर का पाईप समय-समय पर साफ करते रहें एवं समय पर पाईप बदल दें।
। किचेन में एक सूती कपड़ा भिंगोकर हमेशा रखें ताकि आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाया जा सके।
। खाना बनाते समय एक बाल्टी पानी के साथ मग अवश्य रखें।
। एक पोर्टेबल अग्निशमन यंत्र 04 केजी एबीसी टाईप किचेन में अथवा दरवाजे के पास बाहर रखें।
। कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं बल्कि जमीन पर लुढ़कें अथवा कम्बल से लपेटकर रोल करें।
। किचेन में हमेशा एक ही सिलेण्डर रखें।

क्या न करें

। सिलेण्डर को यथासंभव बंद स्थान में न रखें।
। चुल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर किचेन से बाहर न जायें

। खाना बनाते समय ढिला-ढाला वस्त्र का प्रयोग न करें।
। अगर किचेन में गैस की गंध आ रही तो इलेक्ट्रिक पैनल / स्वीच के साथ छेड़-छाड़ न करें।
। माचिस, सिगरेट, लाईटर एवं गैस सिलेण्डर को बच्चों के पहुँच से दूर रखें।
। बच्चों को कभी अकेले रसोई घर में न जाने दें।

Posted By: Inextlive