रंजन बदला हुआ नाम. पटना में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने आए थे. इसके पहले वे दिल्ली में जॉब कर रहे थे. उन्हें पता था कि बिहार एक ड्राइ स्टेट है.

पटना ब्‍यूरो।

लेकिन वे अपनी आदतों को इतनी जल्दी नहीं बदल सकते थे। उन्होंने जिस मकान में कमरा लिया था, वहां उनकी मित्रता एक युवक से हो गई। उन्होंने अपनी परेशानी बताई। इसके बाद शराब की तमाम ब्रांड उन्हें वन कॉल पर डिलीवर होने लगी। रंजन कहते हैं कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि ड्राइ स्टेट होने के बाद भी बिहार में इतनी आसानी से शराब की तमाम ब्रांड उपलब्ध करा दी जाती है। लेकिन फिर एक बात उन्होंने महसूस हुआ कि जो ब्रांड उन्हें उपलब्ध कराई जा रही थी वह उतनी परफेक्टनेस नहीं दे पा रही थी। जिसके बाद ब्रांड को लेकर उन्हें संदेह पैदा हुआ। फिर वे यह सोचकर चूप रहे कि इस मामले को ज्यादा बढ़ाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।

जोमैटो से मिलती थी होम डिलीवरी


रंजन के घर शराब की होम डिलीवरी की जाती थी। हालांकि रंजन अब पटना में नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि जो शख्स उन्हें शराब देने आता था उसके कपड़े और बैग जोमैटो का होता था। संभव है कि जोमैटो का ड्रेस पहनने पर किसी पुलिस वाला का उस पर संदेह भी नहीं जाता होगा।

कई मौके पर पटना में बड़ी मात्रा में ब्रांड के नाम पर पकड़ी गई है नकली शराब
केस नंबर 1
राजधानी पटना में गत बुधवार की शाम मद्य निषेध सहायक आयुक्त प्रेम प्रकाश के नेतृत्व में छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ। जानकारी के अनुसार कांटी फैक्ट्री गांधीनगर नकली शराब की फैक्ट्री में चल रही थी। फैक्ट्री संचालन कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही नकली शराब बनाने के सामान जब्त किए गए। बहादुरपुर वार्ड संख्या 47 में गोलू सिंह लॉज के कमरे में शराब फैक्ट्री चल रही थी।

भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त


शराब के रैपर, बोतल, ढक्कन और सील करने के उपकरण बरामद किए गए। उत्पाद विभाग ने वैशाली के रहने वाले अमन कुमार और समस्तीपुर के रहने वाले मोहित दिनकर को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में 86 बोतल विदेशी शराब, 200 पीस ढक्कन, 600 रैपर पैकिंग मशीन और 800 पीस खाली शराब की बोतल की बरामदगी हुई है।

केस नंबर 2
22 मई 2024 को संदलपुर की जय महावीर कॉलोनी में स्थित एक घर के बेसमेंट व जेठुली में छापेमारी कर रेक्टिफाइड स्प्रिट व नकली अंग्रेजी शराब जब्त की थी। पांच बोरा होमियोपैथी दवा की खाली बोतलें व 20 लिटर के जार में कुल 25 लिटर स्प्रिट बरामद हुई थी। जिससे नकली शराब बनाई जाती थी। इसके अलावा 10 कार्टन भरी बोतल भी मिली जिसमें कुल 60 लिटर स्प्रिट थी।

केस नंबर 3
22 मई 2022 को होली के मौके पर पटना में बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई थी। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली शराब बनाई जा रही थी। चोरी-छिपे तरीके से शराब बनाकर इसकी सप्लाई भी की जा रही थी। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि काम करने का तरीका पहले से सेट था। शराब बनाने से लेकर इसे आपूर्ति करने के लिए एक पाइपलाइन तक बना दी गई थी। इसी के माध्यम से अवैध तरीके से शराब बनाने और उसे बांटने का काम चल रहा था लेकिन पटना पुलिस को किसी तरह इसकी भनक लग गई।

एम्स एलिवेटेड रोड से एम्स गोलंबर तक फैली शराब की महक


पटना के कई झोपड़-पट्टी एरिया में शराब आज भी खुलेआम बन रही है। हालांकि कई जिलों में जहरीली शराब से लोगों के मरने के बाद पुलिस का ऑपरेशन चल रहा है। ऐसा ही एक ऑपरेशन आज फुलवारी थाना की पुलिस एम्स एलिवेटेड रोड से लेकर एम्स गोलंबर तक के एरिया में चला रही थी। जहां बड़े पैमाने पर देशी और विदेशी शराब बनाई जाती है। दीघा एम्स एलिवेटेड सड़क से अगर एम्स गोलंबर तक जाए तो शराब की महक को साफ तौर पर आप महसूस कर सकते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी पटना में नकली और जहरीली शराब बनने का काम जारी है और इस मामले में पटना में भी ऐसी नकली शराब से लोगों की जा सकती है जान।

वर्जन
शराब के खिलाफ पटना में अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसे मुहल्ले की पहचान कर विशेष अभियान चलाने को लोकल थानेदारों को कहा गया है। वे अपने एरिया में शराब के खिलाफ अभियान चला भी रहे हैं।
राजीव मिश्रा
एसएसपी पटना

Posted By: Inextlive