राजेश कुमार पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी में रहते हैं. 15 दिन पहले वे अपनी बच्ची नंदनी का आधार बनवाने के लिए इनरॉलमेंट सेंटर ले गए थे. वहां इनरॉलमेंट दर्ज भी कर लिया गया. राजेश कुमार को आधार इनरॉलमेंट की रसिद भी मिल गयी.

पटना ब्‍यूरो।

इस बीच वे अपने बेटी के आधार स्टेटस को लगातार चेक करते रहे। शुरू में कुछ दिन स्टेटस पेंडिग बताते रहा। फिर एक दिन उनके मोबाइल पर मैसेज आता है। जिसमें उनका आधार इनरॉलमेंट रिजेक्ट होने के बारे में जानकारी दी गई थी। राजेश को यह बात समझ में नहीं आई कि आखिरकार क्यों आधार इनरॉलमेंट रिजेक्ट किया गया। मैसेज जो आया था उसमें साफतौर पर बताया गया था कि जो सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट की विजिविलिटी कम होने की वजह से इनरॉलमेंट रिजेक्ट किया गया है। जबकि स्कूल से लगातार डिमांड होने से स्टूडेंट व पेरेंट वहां बेआधार साबित हो रहे हैं।

ऑपरेटर बोला, इंतजार करिये


राजेश कुमार इनरॉलमेंट सेंटर में जाकर बात करते हैं। तब ऑपरेटर की ओर से बताया जाता है कि अभी यह समस्या बहुत लोगों के साथ आ रही है। अभी आपको और इंतजार करना होगा। हो सकता है रिजेेक्ट के बाद भी फिर से आपके इनरॉलमेंट पर आधार नंबर जेनरेट कर दिया जाए। आखिरकार राजेश को हार कर वापस लौटना पड़ता है। जबकि उनकी बेटी के स्कूल की ओर से लगातार आधार नंबर की मांग की जा रही है। ताकि उसका एडमिशन कंफर्म किया जा सके।

ऑपरेटर लेवल से हो रही दिक्कतें


यह कहानी केवल राजेश की ही नहीं है। पटनाइट्स आधार के दिक्कतों और लगातार आधार इनरॉलमेंट के पेंडिग में जाने से परेशान हैं। किसी को स्कूल में बच्चों का आधार देना हैं तो किसी को अपने राशन तो किसी को बच्चे की अकाउंट खोलना है। इन सब दिक्कतों को लेकर फिलहाल पटना में कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है। क्योंकि इस मामले में बात करने पर स्थानीय अधिकारी हाथ खड़ा कर देते हैं कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। लोकल ऑपरेटर सॉफ्टवेयर अपडेशन के नाम पर लोगों को यह भरोसा दिला रहा हैं कि जो भी दिक्कतें आ रही है वह जल्द ठीक हो जायेगी।

रिजेक्ट मैसेज आने के बाद करवाना पड़ सकता है दोबारा इनरॉलमेंट


आधार बनाने का काम करने वाले ऑपरेटर नसीम खान ने बताया कि आधार रिजेक्शन का अगर एक बार मेसेज आ जाए तो फिर आपको सबसे पहले यह पता करना चाहिए कि रिजेक्शन का कारण क्या है। फिर उस काउज को एड्रेश करते हुए ही अगली बार आप इनरॉलमेंट सेंटर में दूबारा से जाए। जैसे राजेश कुमार के मामले में अगर रिजेक्शन काउज के तौर पर डॉक्यूमेंट विजिविलिटी की बात आ रही है। यानी ऑपरेटर ने जो डॉक्यूमेंट अपलोड किया उसका रिजॉल्यूशन कम रहा होगा। इसी वजह से वह क्रॉस चेक में रिजेक्ट कर दिया गया है।

1,40,21,68,849 आधार


1402168849 आधार अभी तक पूरे देश में बन चुके हैं। वहीं टोटल 289 एक्टिव रजिस्टार हैं। 954 इनरौलमेंट एजेंसी देश भर में काम कर रही है। देश भर में कुल 216701 आधार ऑपरेटर और सुपरवाइजर काम कर रहे हैं । इसके अलावा देश में भर में टोटल 272790 इनरौलमेंट सेंटर हैं।

वर्जन
ज्यादातर रिजेक्ट का जो इश्यू है। वह डॉक्यूमेंट रिलेटेड है। या तो डॉक्यूमेंट में कुछ कमी रही होगी या फिर ऑपरेटर ने परोपर वे में डॉक्यूमेंट अपलोड ही नहीं किया होगा। खैर जो भी इश्यू हो। लोग अपनी समस्याओं के लिए टॉल फ्री नंबर 1947 पर कॉल कर के सही जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
दिलीप कुमार
सुपरवाइजर
आधार यूआईडी

Posted By: Inextlive