लैब में प्रैक्टिकल हुए अरसा बीत गया
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PATNA : राजधानी के स्कूलों में प्रैक्टिकल का बड़ा बुरा हाल है। कहीं टीचर नहीं तो इंस्ट्रूमेंट नहीं। प्रैक्टिकल के लिए रूम तो है पर बच्चे एग्जाम के दिन ही प्रयोगशाला में कदम रखते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बगैर प्रैक्टिकल कराए बच्चों को आखिर मार्क्स कैसे मिल जाता है? उनकी प्रैक्टिकल की कांपियां कैसे तैयार हो जाती हैं? 'प्रयोग का दुरुपयोग' कैंपेन के तहत कुछ ऐसे ही सवालों का हल ढूंढने गुलजारबाग स्थित फतह नारायण सिंह एकेडमी उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंची दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम। जब हमारी टीम वहां पहुंचकर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायो इन तीनों विषयों के प्रैक्टिकल रूम का जायजा लेने लगी तो कई बातें सामने आई। हालांकि स्कूल के प्राचार्य ने दावा किया कि छात्रों का प्रैक्टिकल होता है पर हकीकत कुछ और ही है। आइए जानते हैं आंखों देखीप्रयोग का दुरुपयोग के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम गुलजारबाग स्थित फतह नारायण सिंह एकेडमी उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंची वहां का नजारा कुछ और दिखा। स्कूल परिसर में घूम रहे छात्र से केमेस्ट्री में पानी के अनु सूत्र के बारे में पूछ ने पर किसी ने सही जवाब नहीं दिया। क्क् वीं में क्लास में पढ़ रहे कई स्टूडेंट्स ने बताया हम लोग कभी प्रयोगशाला नहीं गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पढ़ाई किए इन बच्चों को प्रैक्टिकल एग्जाम में मार्क्स कैसे मिल जाता है।
रसायन विभाग स्कूल के प्राचार्या से आग्रह करने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम स्कूल के रसायन विभाग में पहुंची। जहां प्रयोग करने के लिए एक दो खाली बोतल के अलावा कुछ नहीं दिखा। लैब रूम देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे कि छात्र यहां पैर भी नहीं रखते होंगे। बायो विभाग हमारी टीम जब बायो लैब में पहुंची तो वहां भी ऐसा ही नजारा दिखा। प्रयोगशाला में कोई भी इंट्रूमेंट नहीं दिखा। प्रयोगशाला की खिड़की खुली हुई थी। प्रयोगशाला में रखी गई मेज पर धूल जमीं हुई थी। हालांकि एक टेबल पर प्रयोग करने वाली कुछ पुरानी परखनली रखी हुई दिखी। भौतिकी विभाग जब रिपोर्टर ने प्राचार्या से आग्रह किया तब जाकर फिजिक्स का लैब खोला गया। लैब के अंदर मेज पर कुछ पुस्तकें और कुछ इंस्ट्रूमेंट्स पड़ा हुआ था। पर प्रयाोग के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखा। बताया गया कि राशि के अभाव के कारण सामान नहीं खरीदे गए हैं। ऐसे बरसे थे प्रैक्टिकल में मार्क्सइंटरमीडिएट परीक्षा में ख्0क्म्-ख्0क्7 में पास हुए कुछ स्टूडेंट्स का जब प्रैक्टिकल मार्क्स चेक किए गए तो वो चौंकाने वाले थे। फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायो इन तीनों विषयों के प्रैक्टिकल में अधिकांश बच्चों को प्रैक्टिकल में ख्म् से फ्0 मार्क्स दिए गए हैं। कुछ रॉल नंबर का रिजल्ट आप भी देखें।
प्रैक्टिकल के मार्क्स रॉल नंबर फिजिक्स केमिस्ट्री बायो क्70क्00ख् क्ब्/ फ्0 ख्भ्/ फ्0 ख्फ्/ फ्0 क्70क्00क्भ् क्फ्/ फ्0 ख्भ्/ फ्0 ---- क्70क्00ख्फ् क्फ्/ फ्0 ख्भ्/ फ्0 -----क्70क्00ख्7 क्ख्/ फ्0 ख्भ्/ फ्0 -----
क्70क्00फ्फ् क्ख् / फ्0 ख्ब्/ फ्0 ख्क्/ फ्0 स्कूल में विज्ञान के तीनों प्रयोगशाला है। स्टूडेंट्स वहां जाकर प्रायोगिक कार्य करते हैं। - रमा रानी घोष , प्राचार्या, फतह नारायण सिंह एकेडमी उच्च माध्यमिक विद्यालय गुलजारबाग प्रयोगशाला के विषय में हम लोग सिर्फ इतना जानते हैं कि यहां प्रयोगशाला है। और कोई जानकारी नहीं है - अभिषेक कुमार, स्टूडेंट्स हमारे सीनियर ने बताया था कि एग्जाम के समय में प्रयोगशाला जाकर प्रयोग होता है, अब एग्जाम का इंतजार है हम भी देखें कैसे प्रयोग होता है- अमित कुमार , स्टूडेंट्स मैं अभी क्क् वीं में हूं प्रयोगशाला स्कूल में बस इतना जानता हूं, जब प्रयोगशाला में कोई प्रायोगिक कार्य कराया जाएगा तो पता चलेगा। - चंदन कुमार, स्टूडेंट्स