जेपी गंगा सेतु से जुड़े हैं दीघा 93 घाट शिवाघाट और पाटीपुल घाट

पटना (ब्यूरो)। चौपाटी की तरह पाटीपुल घाट और दीघा 93 घाट दिखने लगा है। दोनों घाटों पर व्रतियों के लिए सबसे अधिक जगह है। शिवाघाट और पाटीपुल घाट 800 मीटर लंबा पाट है तथा 200 मीटर के अंतराल पर मीनार घाट का 300 मीटर लंबा गंगा का पाट है। घाट के पास समतल जमीन है। तीनों घाटों पर आने के लिए कई रास्ते है। ये तीनों जेपी गंगा सेतु से जुड़े हैं। इसके साथ कई अन्य रास्ते हैं। घाट के पिछले भाग में खाली जमीन है। तीनों घाट मिलाकर एक किलोमीटर से लंबा गंगा का पाट है। पाटलिपुत्र अंचल की कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिभा सिन्हा का कहना है कि व्रती घाट पर आने के बाद पश्चिम दिशा में जाएं।

दीघा 93 घाट 800 मीटर लंबा, जाने का कई रास्ता
दीघा 93 घाट 800 मीटर लंबा है। यहां आने के लिए कई रास्ते हैं। जेपी सेतु पुल से सटे जेपी गंगा पथ से घाट पर उतरने की व्यवस्था की गई है। गेट संख्या 93 के सामने से जेपी गंगा पथ के नीचे से जाने का रास्ता है। गेट संख्या 92 के सामने से जेपी गंगा पथ पर चढ़कर उस पार उतरने का रास्ता बनाया गया है। घाट के पास तक वाहनों के जाने की व्यवस्था की गई है।

ङ्क्षबद टोलीघाट घाट पर 250 मीटर का पाट
ङ्क्षबदटोली घाट जेपी सेतु के पश्चिम में है। यहां जाने वाले व्रती मुख्य सड़क पर वाहन पार्क कर घाट पर जाएंगे। घाट का पाट 250 मीटर लंबा है।

घाट संख्या 88 के पास दौरा रखने के लिए बनाया गया स्थान
दीघा घाट संख्या 88 के पास दौरा रखने के लिए गंगा के छोर पर चौड़ाई बढ़ाई गई है। यहां गंगा में बहुत बड़ा क्षेत्र है। शुरूआती दौर में संकरा रास्ता है। चौड़ाई बढ़ाए जाने के बाद यह बेहतर हो गया है।

घाट 83 के पास वाहन पार्किंग रहने से राहत
घाट संख्या 83 के पास वाहन पार्किंग बना दी गई है। यहां काफी बड़ा स्थान उपलब्ध है।

कुर्जी घाट पर 300 मीटर में अघ्र्य देने की हुई व्यवस्था

कुर्जी घाट पर टापू पर निकला है। 300 मीटर गंगा के पाट में अघ्र्य देने की व्यवस्था की गई है। दो दिन पहले यह घाट निकला है। घाट पर नहाय-खाय के दिन भीड़ उमडऩे के कारण किचकिच हो गया। बालू रहने के कारण कीचड़ नहीं हो पाया है। दावा है कि घाट रात में दुरूस्त कर दिया जाएगा।

एलसीटी और राजापुरपुल घाट आमने-सामने

एलसीटी घाट और राजापुरपुल घाट आमने सामने है। दोनों घाट का रास्ता अलग-अलग है। घाट यहां से करीब दो किमी दूर है। मुख्यधारा में व्रती अघ्र्य नहीं देंगे। गंगा के मुहाने पर घाट का निर्माण किया गया है।

राजापुरपुल से वंशीघाट के बीच में नहीं हो रही छठ
पश्चिम में राजापुरपुल और पूर्व में बंशीघाट के बीच छठ महापर्व का आयोजन नहीं हो रहा है। दोनों घाटों के बीच बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रुघाट, अदालतगंज, मिश्री घाट है। कालीमंदिर के पास स्थित वंशीघाट से दीदारगंज के बीच छठ महापर्व का आयोजन हो रहा है।

सीढ़ी वाले घाटों में कालीघाट और एनआइटी घाट सबसे बड़ा

गंगा पाथवे स्थित सीढ़ी वाले घाटों में सबसे बड़े घाटों में कालीघाट और एनआइटी घाट है। दोनों स्थानों पर बड़ी संख्या में व्रतियों के आने की संभावना है। कालीघाट पर धार्मिक द़ष्टिकोण से ज्यादा व्रती आते हैं। सीढ़ी वाले सभी घाट तैयार हो गए हैं। बंशीघाट, कालीघाट, कदम घाट, पटना कालेज घाट, कृष्णा घाट, गांधीघाट, बरहड़वा घाट, गोलकपुर घाट, ला कालेज घाट, रानीघाट, बीएनआर घाट, गुलबी घाट के आगे, बालू घाट, घाघा घाट, रौशन घाट, चौधरीटोला घाट, पत्थरी घाट, कदमघाट, कोयला घाट, घसियारी घाट, नरकट घाट, लोहरवा घाट, हनुमानघाट, गोसाई घाट, राजा घाट, भरहरवा घाट, करनालगंज घाट, गायघाट, कंटाही घाट, भद्र घाट, कालीमंदिर आलमगंज, महावीर घाट, नौजर घाट, दुल्लीघाट, सिढ़ी घाट, आदर्श घाट, मित्तनघाट, सीता घाट, खाजेकलां घाट, टेढ़ी घाट, महाराज घाट, केशवराय घाट, मरचाई घाट, हीरानंद साह घाट, झाउंगंज घाट, कंगन घाट, पत्थर घाट सहित कई घाट हैं।

Posted By: Inextlive