शहर के रोमियोज को सबक सिखाइए, मुश्किल हो गया है बाहर निकलना
- आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित 'शहर में अनसेफ गर्ल्स' डिस्कशन में गर्ल्स ने सुनाई आपबीती
- ऑटो व बस वालों की मनमर्जी, घूरती नजरें व छेड़खानी का खौफ सुन शॉक्ड रह गए ऑफिसर - एसपी, डीटीओ, ऐपवा, महिला आयोग, महिला हेल्पलाइन ने रखा अपना-अपना पक्ष PATNA: रात में चलना मुश्किल होता है चौराहों पर शराबी का जमावड़ा रहता है-रूबी मीठापुर। मैं अपने पापा के साथ निकली थी, तो मनचलों ने खूब परेशान किया, उस दिन से रात में नहीं चलती हूं-स्वाति राज पाटलिपुत्रा। बस में सफर कर रही थी, आगे की सीट पर बैठी थी। तभी एक लफंगे ने मेरे उपर नंबर लिखा एक कागज फेंका-प्रीति सिन्हा गर्दनीबाग। कॉलेज गेट पर ऑटो पर चढ़ी, अश्लील गाने और शराब की बदबू के कारण ऑटो से उतरना पड़ा-नंदिता सुमन, कदमकुआं। रात का सफर सोचने में भी डरशहर की एक दर्जन से अधिक लड़कियों ने तीन से पांच बजे तक इस तरह के मैसेज व्वाट्सएप के थ्रू भेजा। इसका जवाब देने के लिए शहर के कुछ रिस्पांसिबल पर्सन मौजूद थे। डिस्कशन हॉल से लेकर ऑनलाइन मैसेज के थ््राू डिस्कशन काफी लंबा चलता गया। इस दौरान कई दफा ऐसे सवाल आए, जिसमें सीधे तौर पर पटनाइट्स ने कहा कि अब शहर में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। एडमिनिस्ट्रेशन काम नहीं कर रहा है। ऑटो व बसों में सफर करना मुश्किल हो गया है। रात में निकलने में डर लगता है। देर रात ट्रेन से आएं, तो मनमाना किराया लेकर भी सेफ जर्नी नहीं हो पाती है। ऐसे सवालों का जबाब दे रहे थे एसपी रूरल, डीटीओ, महिला आयोग, हेल्पलाइन, ऑटो यूनियन, लेडी चालक ने भी यह माना है कि कहीं न कहीं कमी है, जिससे शहर की सड़कों पर खौफ का मंजर बना हुआ है। इस दौरान स्टूडेंट का प्रतिनिधित्व करती हुई लड़कियों ने भी कई चौंकाने वाले सवाल उठाए। इसमें कॉलेज गर्ल्स को कॉलेज छोड़ने के लिए भी ऑटो वाले तैयार नहीं रहते हैं। बस में कैदी की तरह बैठना पड़ता है और हर पल मनचलों का सामना करना पड़ता है। शनिवार को आई नेक्स्ट की ओर से 'शहर में अनसेफ गर्ल्स' पर आयोजित पैनल डिस्कशन में ऐसी कई बातें सामने आई।
'रोमियो' पहुंच जाएगा आपको बचानेगर्ल्स ने जब छेड़खानी को लेकर मामला उठाया, तो एसपी रूरल हर किशोर राय ने कहा कि महिलाओं को अपनी राइट्स का पता होना चाहिए। आप फौरन वहां से क्00 नंबर डायल करें, महिला थाना डायल करें। फौरन रोमियो मोबाइल आपके पास पहुंच जाएगा। अगर वो नहीं सुनता है, तो आप सीनियर ऑफिसर को कॉल करें, किसी को इसलिए न छोड़ दें कि उसने फोन नहीं उठाया या रिस्पांस नहीं लिया। वहीं, डीटीओ दिनेश राय ने कहा कि आप उन्हीं ऑटो पर चलें जिस पर पुलिस कोड लगा होता है। इससे आपको उसकी पूरी जानकारी लेने में आसानी होगी। आपके पास उसका नंबर है, तो उसकी तलाश करने में पुलिस को आसानी होगी।
मनमाना किराया लेते हैं ऑटो वाले इस दौरान पीडब्ल्यूसी, मगध महिला कॉलेज, जेडी वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स को रिप्रजेंट कर रहीं प्राची व सुमन लता मौर्या ने कहा कि ऑटो वाले मनमानी करते हैं। वो कॉलेज के पास नहीं छोड़ते हैं। जंक्शन हो या गांधी मैदान या फिर मीठापुर बस स्टैंड कहीं से भी सही किराया नहीं लिया जाता है। इसका जवाब देते हुए ऑटो यूनियन से आए नवीन मिश्रा ने बताया कि अब देर रात चलें, तो जंक्शन स्थित प्रीपेड की सेवा ले। वहीं, कोई गलत किराया ले रहा है या अश्लील गाना चला रहा है। तो आप इसकी सूचना एडमिनिस्ट्रेशन को दें। हर दिन हो, तो काम बनेगाडिस्कशन के दौरान मामला आया कि ऑटो व सिटी सर्विस में चलने वाली गाडि़यों में अश्लील गाने बजाए जाते हैं और छापेमारी नहीं की जाती है। महिला हेल्पलाइन की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रमिला ने सवाल उठाया कि सिर्फ होली को लेकर ही छापेमारी होती है। इसके बाद वो बंद हो जाता है, जबकि हर महीने ऐसे ऑटो पर सख्ती दिखानी चाहिए। इन्होंने बताया कि इस तरह की कई शिकायत महिला हेल्पलाइन में आती है। महिला हेल्पलाइन में शिकायत सुनी ही नहीं, बल्कि उसे दूर करने के लिए कदम भी उठाया जाता है।
लफुओं पर तो कंट्रोल कीजिए महिला आयोग की सदस्या रीना कुमारी, ऐपवा की मीना तिवारी, मीरा दत्त व एडवोकेट निशा सिंह ने मौके पर मौजूद एसपी रूरल हर किशोर राय से शहर के चौराहों पर चलने वाली शराब शॉप के बाहर खड़े लफंगों पर नकेल कसने के लिए कहा। साथ ही यह भी कहा कि वो गवर्नमेंट को उन चौराहों के बारे में लिखकर दें, ताकि उस पर कार्रवाई किया जा सके। कई चौराहों पर ऑटो से उतरने के साथ ही मनचलों का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में अगर उस पर कंट्रोल कर लिया जाए, तो काफी हद तक गर्ल्स सेफ होकर अपने घर पहुंच सकती है।