-कुर्जी से दानापुर के बीच तकरीबन 10 पूजा पंडालों का हो रहा निर्माण

पटना ब्‍यूरो। शहर में पटना सिटी से दानापुर तक दुर्गा पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। दुर्गा पूजा पंडालों की सुदंरता को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। कहीं अयोध्या की राम मंदिर तो कहीं अमेरिका का स्वामीनारायण मंदिर तो किसी जगह पर बंगाली थीम पर पारंपरिक दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण कार्य चल रहा है। दीघा जाम खारी स्थित न्यू अनुभव क्लब के स्थानीय यूथ के द्वारा बंगाली थीम पर पूजा आयोजित किया गया है। पंडाल निर्माण कार्य भी बंगाली थीम पर ही हो रहा है। समिति के सदस्य राहुल की माने तो बंगाल के बाद बिहार में सर्वाधिक जगहों पर पूजा का आयोजन होता है। समिति की ओर इस बार सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिन विशेष आरती की व्यवस्था की गई है। पंडाल निमार्ण व लाइटिंग का कार्य अंतिम चरण में है। पढि़ए रिपोर्ट

रंगीन माहौल से जगमग होगा आलय
कुर्जी से दानापुर के बीच तकरीबन 10 पूजा पंडाल अशोक राजपथ पर बन रहे हैं। पूरा अशोक राजपथ को लाइटिंग से सजा दिया गया है। अलग-अलग समितियों ने अपने-अपने क्षेत्र में इस कदर लाइटिंग किया है कि जैसे पूरा अशोक राजपथ लाइटिंग से पटा दिखा रहा है। जिस वजह से पंडालों की सजावट, मूर्तियों की भव्यता के साथ भक्तिमय माहौल बन गया है।

20 कारीगर कर रहे हैं लगातार कार्य
दीघा जाम खारी स्थित पंडाल निर्माण की जिम्मेवारी पटना के लोकल कलाकारों को दी गई है। इसे बनाने के लिए पिछले 20 दिनों से 20 कारीगर लगातार काम कर रहे हैं। पंडाल में देवी दुर्गा की लगभग 14 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। पंडलों की ऊंचाई तकरीबन 60 और चौड़ाई 50 है। पूरे पंडाल को बनाने में लगभग दो लाख रुपये का खर्च हो रहा है।

16 को होगा कन्या भोज का आयोजन
समिति के सदस्य राहुल ने बताया कि माता के विसर्जन के चौथे दिन यानी 16 अक्टूबर को समिति की ओर से कन्या भोज का आयोजन किया गया है। ये परंपरा आज से नहीं पिछले कई सालों से चल आ रही है। सदस्यों ने बताया कि सप्तमी को हलुवा, अष्टमी को खीर व नवमी के दिन खिचड़ी प्रसाद का वितरण समिति की ओर से किया जाएगा।

मूर्ति को दे रहे अंतिम रूप
पटना में दुर्गा पूजा पंडालों में कलाकार मूर्ति को अंतिम रूप देने लगे हैं। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार मूर्ति निर्माण की जिम्मेवारी शहर के लोकल मूर्तिकारों को दी गई है। पंडाल में मूर्ति स्थापना के साथ मूर्ति को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार लगे हैं। मूर्ति के साज-सज्जा के साथ ही महा सप्तमी के दिन पंडाल के पट विधि विधान से पूजा के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।

Posted By: Inextlive