भेदभाव को दरकिनार कर हो सकते हैं एक
पटना ब्यूरो। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित भारत रंग महोत्सव की 25 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जन भारत रंग कार्यक्रम का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया। इस कार्यक्रम के तहत पटना की नाट्य संस्था रंगम पटना की ओर से ललित प्रकाश द्वारा लिखित एवं नाट्य गुरु संतोष कुमार द्वारा परिकल्पित व निर्देशित नाटक लो आई वापस सोने की चिडिय़ा की प्रस्तुति की गई । -अमीरी गरीबी को दरकिनार करें वसुधैव कुटुंबकम् पर आधारित नाटक में दिखाया गया की हम कैसे बिना भेदभाव, ऊंच नीच , अमीरी गरीबी को दरकिनार कर कैसे एक साथ रहें, तभी हमारा भारत विकसित होगा, देश मजबूत होगा और आगे बढ़ेगा और फिर से हम वापस सोने की चिडिय़ां कहलाएंगे। साथ में यह भी दिखाया गया की समाज को बनाने में रंगमंच का बहुत बड़ा हाथ होता है, नाटक के माध्यम से ही समाज में व्याप्त कुरीतियों को जैसे - छुआ छूत, भ्रूण हत्या, पढ़ाई का महत्व ,महिला सशक्तिकरण , बाल विवाह को रोकने के लिए कलाकारों ने सकारात्मक संदेश दिया। -गीत के माध्यम से दिया मैसेज नाटक में गीत के माध्यम से कलाकारों ने मैसेज दिया पटना इतना सुंदर है मगर गरीबों के घर में बारिश में पानी टपकता है इसे मिलकर दूर करें तभी अमीरी-गरीबी का फासला खत्म होगा और सब एक होंगे। कोरोनो जैसी महामारी से लेकर जी 20 सम्मलेन तक को भी बहुत सुंदर तरीके से नाटक के कलाकारों ने दर्शाया। लेखक - ललित प्रकाश परिकल्पक, निर्देशक व नाट्य गुरु - संतोष कुमार इस नाटक के कलाकार प्रतीक्षा आनंद श्रेया सचदेवा नियति कश्यप निहाल कुमार दत्ता शिवम कुमार विवेक कुमार चंदन कुमार आसिफ़ अनवर दीपक दुबे अंशु कुमार -मंच के पीछे आदित्य शर्मा कुणाल सत्यन राहुल कुमार सिन्हा पिंकू राज राजू कुमार