तीस वर्षों की लीज पर बीसीए का हुआ मोइनुल हक स्टेडियम
पटना ब्यूरो। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में जल्द ही अंतरराष्ट्रीयस्तर के मैचों का आयोजन किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए बिहार सरकार और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के बीच एमओयू हस्ताक्षर हुआ। मोइनुल हक स्टेडियम को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) और बीसीसीआई को सौंप दिया गया है। इस मौके पर बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी सहित बिहार के दोनों डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी मौजूद रहे। एमओयू पर बिहार सरकार की ओर से खेल निदेशक महेंद्र कुमार और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने हस्ताक्षर किया।
सात साल के एक रुपये की लीज पर मिली
मोइनुल हक स्टेडियम को 30 साल के लिए बिहार सरकार ने बीसीसीआई को लीज पर दे रही। पहले 7 साल तक बिहार सरकार एक रुपए की लीज पर बीसीसीआई को जमीन उपलब्ध करा रही है। इसके बाद अगले 23 साल के लीज में आने वाले रेवेन्यू में 50% बिहार सरकार को मिलेगी और 50% बीसीसीआई और बीसीए को मिलेगी। बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने इस अवसर पर कहा कि बिहार खेल के क्षेत्र में नित नए आयाम को छू रहा है, यह कार्य भी बिहार में क्रिकेट के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
ग्रामीण बच्चों को भी मिलेगा इंटरनेशनल प्लेटफार्म
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि हमारा मकसद बिहार में खेल को आगे बढ़ाना है। खेल जगत के लिए यह मिल का पत्थर साबित होगा। बिहार में करोड़ों बच्चे क्रिकेट खेलना चाहते हैं। उनके लिए स्टेडियम का निर्माण बीसीसीआई द्वारा किया जाएगा। नालंदा में एक स्टेडियम बनकर तैयार है और अन्य जगहों पर भी सरकार स्टेडियम का निर्माण करना चाहती है। लेकिन हमलोग चाहते हैं कि बीसीसीआई इसे आधुनिक तौर पर बनाए, ताकि ग्रामीण बच्चों को भी इंटरनेशनल प्लेटफार्म मिल सके।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि यह बदलता और बढ़ता बिहार है। बिहार के अंदर युवाओं की प्रतिभा का सम्मान होगा। अब बिहार खेलेगा। बिहार खेल विभाग के अंतर्गत कई सारे काम हो रहे हैं। आगे खेल महोत्सव का भी आयोजन होगा। बिहार के खिलाड़ी जो अलग अलग क्षेत्रों में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। अब उनकी प्रतिभा बिहार में ही देखने को मिलेगी। बिहार के अन्दर ही वह प्रतिभा खिलेगा और देश को गौरवान्वित करेगा।
कैबिनेट की बैठक में मिली थी स्वीकृति
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में मोइनुल हक स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया था और बिहार सरकार ने इसके एमओयू के प्रारूप को लेकर अपनी स्वीकृति दी थी। मुख्य स्टेडियम 40,000 से अधिक की दर्शक क्षमता का होगा। जिसमें एक मुख्य एवं 9 पिच मैदान होंगे। फ्लडलाइट की व्यवस्था होगी।
मेन स्टेडियम के अलावा बाहर एक या दो ग्राउंड बन सकता है। मुख्य स्टेडियम में सदस्य मंडप और एक मीडिया स्टैंड (250), टेनिस और बास्केट बॉल कोर्ट, स्विमिंग पूल, जिम और स्पा सहित सदस्यों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं, 76 कॉर्पोरेट आतिथी बॉक्स, आवासीय आवास के साथ इनडोर क्रिकेट अकादमी, मेहमानों के लिए 70 कमरे जिनमें 5 सितारा होटलों के समकक्ष सुविधाएं सहित मल्टी लेवल पार्किंग, रेस्तरां और डिनर हॉल भी होगा। जिनका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
इससे पहले बीसीए अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को, उपाध्यक्ष दिलीप सिंह ने नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री नितिन नवीन को, सचिव ज़ियाउल आरफीन ने बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता को, कोषाध्यक्ष अभिषेक नन्दन ने प्रधान सचिव खेल विभाग बी राजेन्द्र को, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी ने सदस्य विधान परिषद अनिल शर्मा को, गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन संजय सिंह निदेशक खेल महेंद्र कुमार को तथा सी ई ओ मनीष राज ने उप निदेशक खेल विभाग संजय कुमार को पुष्प गुच्छ, मोमेंटों, शाल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से संबद्ध सभी जिला संघों के प्रतिनिधि व अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्य बातें
इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा।
इसमें 40,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी।
इसमें 250 वीआईपी सीटिंग और 76 कॉरपोरेट बॉक्स भी होंगे।
स्टेडियम के आस-पास स्पोटर्स सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
स्टेडियम में 70 फाइव स्टार होटल जैसी रूम और रेस्टोरेंट भी बनेगा।
पुनर्निर्माण के लिए बीसीसीआई सारा खर्च करेगी।
इस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कई क्रिकेट मैच आयोजित होने की संभावना है।
स्टेडियम को बनाने के लिए सात साल के लिए एक रुपये की लीज तय की गई है।
इसके बाद अगले 30 साल के लिए इसे 50:50 के लाभ शेयर पर दिया जाएगा।