Everyone wants to be a Master Chef
ऑडिशन में उमड़ी महिलाओं की भीड़घर में तो महिलाएं अच्छा खाना बनाती हैं, लेकिन उन्हें इसके बदले में तारीफ तक नहीं मिलती है। अब उन्हें मौका मिला है इंटरनेशनल लेवल पर अपने हाथ के जादू को दिखाने का। इसके लिए बड़ी संख्या में पटना की महिलाएं घर से निकल चुकी हैं। गुरुवार को आईआईबीएम में जुटी महिलाओं की भीड़ इस बात के सबूत हैं। यहां मास्टर शेफ सीजन-3 का ऑडिशन लिया जा रहा था। सुबह से महिलाएं लाइन खड़ी थीं। उनके अंदर मास्टर शेफ बनने के लिए उत्साह था।
घंटों लाइन में खड़े होने के बाद भी उनके चेहरे पर थोड़ा भी सिकन नहीं दिख रहा था। आम दिनों में किचेन में काम करने वाली वीमेंस का यहां अलग ही रूप देखने को मिला। खुद रजिस्ट्रेशन करवा रही थीं और हर सवाल का पूरे कांफिडेंस के साथ जवाब दे रही थीं। उनके साथ लाइन में कुछ मेंस भी खड़े थे। बैंक हो या सिनेमा टिकट काउंटर वीमेंस की तुलना में मेंस अधिक देखे जाते हैं, लेकिन यहां मामला उल्टा था। लड्डू से बिरयानी तक
लाइन में लगी वीमेंस हाथ में लजीज व्यंजन लिये थीं। कोई मोती चूर के लड्डू बनाकर लाई थी, तो कोई चिकन बिरयानी। जब उनकी बारी आती तो थैले से निकालकर वे उसे प्लेट में सजाती फिर ऑडिशन देने जाती थी। जैसे ही डब्बा खोलती लजीज व्यंजन की खुशबू हवा में तैरने लगती थी। सुगंध ऐसी कि उसे खाने के लिए हर किसी का मन मचल उठता था। ऑडिशन के लिए टोटल 350 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। इसमें करीब 300 वीमेंस थीं। इसमें गल्र्स भी शामिल थी। एक-एक चीज को बारीकी से जो खाना बनाकर लाने से चूक गई थी वो ऑडिशन में फूड से जुड़े क्वेश्चन का जवाब दे रही थी। जवाब देते वक्त उनमें किसी तरह की हिचक नहीं दिख रही थी। एक्टर रवि किशन और शेफ कुणाल उनसे एक-एक चीज को बारीकी से पूछ रहे थे। हां, जवाब देने के बाद उन्हें इसका जरूर मलाल होता था कि उन्होंने दोनों को अपने हाथ का बना डिश नहीं खिला पाए। वहीं जिसने डिश बनाकर लाई थी, वह एक चम्मच ही सही लेकिन रवि किशन और शेफ कुणाल को खाने के लिए मिन्नत करती थी। वे दोनों भी किसी को ना नहीं कर पाते थे, खाने का टेस्ट लेते फिर उनकी तारीफ भी करते थे।