नवरात्र को लेकर माता के श्रृंगार व पूजन सामग्री का सजा बाजार
पटना ब्यूरो। पितृ पक्ष समाप्त होने वाला है। ऐसे में शारदीय नवरात्र को लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसको लेकर मंदिरों की साज सज्जा का काम किया जा रहा है। लोगों ने भी नवरात्र को लेकर घरों में तैयारियां शुरू कर दी है। नवरात्र को लेकर राजधानी के देवी मंदिर जहां सजने लगे हैं। वहीं पंडाल आकार लेने लगे हैं। महिलाएं तैयारी में जुटी हुई है। दुकानों पर भी माता की चुनरी, पोशाक व झंडे की लोग खरीदारी में लगे हुए हैं। शारदीय नवरात्र के शुरू होने में अभी दो दिन शेष बचा है। बावजूद इसके लोग नवरात्र को परंपरागत रूप व हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के लिए जोरशोर के साथ तैयारियों में जुट गए हैं। राजाधानी के देवी मंदिरों पर साफ सफाई के साथ ही रंगाई-पुताई से सजाने संवारने का कार्य जोरशोर के साथ चल रहा है। महिलाएं भी अपने अपने घरों में घट स्थापना आदि की तैयारी में लगी हुई है। उधर, नवरात्र को लेकर बाजार में झंडे व चुनरी की दुकानें सज गई हैं। दुकानों पर माता दुर्गा की सुंदर व आकर्षक पोशाकों के अलावा श्रंगार का सामान दुकानों पर बिकने लगा है।
लाल, ऑरेंज ग्रीन और ब्लू पोशाक की डिमांड
इस बार सामान दिल्ली, सूरत, गुजरात, बंगलूरू, मुंबई से आया है। इसके अलावा नेट के वर्क में काफी आकर्षक पोशाक तथा चुनरी आई हैं। साथ ही जयपुरी, बनारसी कपड़ों में भी माता रानी की पोशाक आई है। इनकी कीमत छोटे आकार में 20 रुपये से शुरू होकर 150 रुपये तक हैं और बड़े आकार की पोशाक 3500 रुपये तक के दाम है। साथ ही मूर्तियों में भी 400 से चार हजार रुपये तक की है। इस बार भी नवरात्र में मां दुर्गा के लिए लाल, ऑरेंज, ग्रीन और ब्लू पोशाक के अलावा चुनरी, श्रृंगार का सामान, चूड़ी, त्रिशूल, अखंड दीप और छत्र की मांग है। पोशाक में इस बार जरी और गोटे वर्क वाली पोशाक है। जरी की छोटी पोशाक सौ रुपये से पांच सौ रुपये तक है। वहीं माता के मुकुट भी जरी के अलावा स्टोन और मोती वर्क में है। बड़ी मूर्तियों के लिए मुकुट की कीमत पांच रुपये से 1500 रुपये तक है। साथ ही माता की नथ और रंग-बिरंगे स्टोन वाला माथा टीका भी श्रृंगार का खास हिस्सा बना हुआ है। जिसकी कीमत 80 से 350 रुपये तक है।
माता की चुनरी
नवरात्र में माता को चुनरी चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसलिए बाजार में इस बार माता की लाल चुनरी में सितारा वर्क, गोटा पत्ती वर्क, जरदोजी वर्क, जरी वर्क और मोती वर्क खास है। छोटी चुनरी की कीमत जहां 20 रुपये से 150 रुपये तक है, वहीं बड़ी चुनरी 200 रुपये से हजार रुपये तक है।
पूजा के लिए कलश, नारियल, चुनरी, रोली, पान, घी, धूप बत्ती, अगरबत्ती, लोंग, सुपारी, कपूर सहित पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्रियां की दुकानें तैयार हैं। चूंकि नौ दिन के व्रत में अन्न से परहेज किया जाता है, इसलिए बाजार में कुट्टू, फल, व्रत के अन्य सामानों की भी दुकानें सज गई हैं। दुकानदार विजय गुप्ता ने बताया कि दुकानों पर नवरात्र को लेकर ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है। नवरात्र को लेकर बाजार में रौनक है।
खूब बिकेंगी पीतल और मिट्टी की मूर्तियां
नवरात्र में भक्त घर में माता की मूर्ति स्थापित करते हैं। इस बार बाजार में पीतल की छोटी मूर्ति 200 से हजार रुपये तक बिक रही हैं। वहीं पीतल की बड़ी मूर्तियों के लिए 1200 से पांच हजार रुपये तक खर्च करने होंगे। इस बार मिट्टी और जर्मन सिल्वर या व्हाइट सिल्वर की मूर्तियां भी खूब पसंद की जा रही है। यह 200 से दो हजार रुपये तक है। वहीं माता को चढ़ने वाले छत्र भी चांदी और पीतल दोनों में ही उपलब्ध है। जिनकी शुरुआत पांच सौ रुपये से हैं।