महागठबंधन सरकार को बाहर से सपोर्ट करेगा माले
पटना (ब्यूरो)। भाकपा माले ने बिहार में महागठबंधन सरकार को बाहर से सरकार का सपोर्ट करने की घोषणा की है। सैटरडे को राज्य कार्यसमिति की बैठक में बाद पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और राज्य सचिव कुणाल ने प्रेस कांफ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी। भाकपा माले की मांग है कि महागठबंधन सरकार के संचालन के लिए एक को-आर्डिनेशन कमेटी गठित हो और एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर काम किया जाए। इसकी मांग सीएम नीतीश कुमार से की गई।
महाराष्ट्र का बदला बिहार में
दीपंकर ने कहा कि भाजपा को बिहार में जबरदस्त झटका लगा है। महाराष्ट्र का बदला बिहार में लिया गया है। यह राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक माडल बनेगा। संविधान व लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ संघर्षशील ताकतों के लिए नई उम्मीद पैदा हुई है। नई सरकार से उम्मीद करते हैं कि जनता की आकांक्षाओं पर खरे होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नीतीश कुमार के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही थी। दीपंकर ने कहा कि भाजपा को प्रदेश में जो ताकत मिली है, उसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं।
नीतीश से मिल दीपंकर ने दी बधाई
बाद में दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्यों एवं विधायकों ने सीएम नीतीश कुमार से एक अणे मार्ग स्थित संवाद में मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। प्रतिनिधिमंडल में माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा, राजाराम ङ्क्षसह, केडी यादव, मीना तिवारी, शशि यादव, विधायक दल के नेता महबूब आलम, उपनेता सत्यदेव राम एवं अरूण सिहं समेत अन्य नेता शामिल थे।
दीपंकर ने कहा कि महागठबंधन में वह कल भी थे, आज भी हैं और अब महागठबंधन में नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी भी आ गए हैं, सभी का स्वागत है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी किसी विपक्षी सरकार को चलने नहीं देना चाहती। बिहार में भी भाजपा का यही रवैया रहेगा। भाजपा झूठ की राजनीति करती है। भाजपा शासन में नागरिक, समाज व न्यायपूर्ण आंदोलनों के दमन की जो दिशा ली गई है, हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेगी। बीजेपी द्वारा बिहार को उन्माद-उत्पात की प्रयोगशाला बना देने की साजिशों के खिलाफ नई सरकार प्रभावी प्रशासनिक व विधायी कदम उठाएगी।